ज्योतिष गणना से जानें, कब से आरंभ होगा कार्तिक मास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 02:00 PM

astrological calculation when will the kartik month begin

संसार के सभी मनुष्य हर प्रकार के संसारिक एवं पारलौकिक सुखों की कामना करते हैं जिसे कार्तिक मास में किए गए सरल कर्मों से प्राप्त करना मनुष्य के लिए अति सुलभ है। शास्त्रानुसार इस मास में सभी देवी-देवता मनुष्य के

संसार के सभी मनुष्य हर प्रकार के संसारिक एवं पारलौकिक सुखों की कामना करते हैं जिसे कार्तिक मास में किए गए सरल कर्मों से प्राप्त करना मनुष्य के लिए अति सुलभ है। शास्त्रानुसार इस मास में सभी देवी-देवता मनुष्य के किए कर्मों से प्रसन्न होकर उस पर बहुत जल्दी कृपा कर देते हैं। इस मास मंदिरों में हरिनाम संकीर्तन और प्रात: कार्तिक महात्म की कथा होती है तथा ठाकुर जी के मंदिरों से प्रात: प्रभात फेरियां भी निकलती हैं, जिनमें भाग लेकर भक्त वृंद स्वयं को भाग्यवान मानते हैं।  


कार्तिक मास का शुभारम्भ- ज्योतिष गणना के अनुसार प्रत्येक मास सूर्य एवं चन्द्रमा के हिसाब से शुरु होता है। जो लोग एकादशी से किसी भी मास के आरम्भ की गणना करते हैं वह अगली एकादशी तक ही पूरा मास मानते हैं और जो लोग संक्राति के हिसाब से चलते हैं वह सूर्य और जो चन्द्रमा के अनुसार चलते हैं वह पूर्णिमा की गणना के अनुसार मासिक नियम का पालन करते हैं। पूर्णिमा के हिसाब से कार्तिक मास 5 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा के हिसाब से शुरु होगा। जो 3 नवम्बर तक चलेगा।


जबकि एकादशी तिथि का पालन करने वाले वैष्णव 1 अक्तूबर को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पापाकुंशा एकादशी से कार्तिक मास महात्म का नियम शुरु कर चुके हैं, वह 31 अक्तूबर तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवप्रबोधिनी एकादशी तक उसका पालन करेंगे। सक्रांति के हिसाब से मास की गणना करने वाले भक्त सूर्य के हिसाब से 17 अक्तूबर कार्तिक मास की सक्रांति से 16 नवम्बर मार्गशीर्ष सक्रांति तक कार्तिक मास के नियम का पालन कर सकते हैं। 


जिन्होंने किसी कारणवश एकादशी से कार्तिक महात्म व्रत के नियम का पालन करना अभी शुरु नहीं किया है वह 5 अक्तूबर से अपना संकल्प करके स्नान व धर्म-कर्म आदि करने की क्रियाएं शुरु कर सकते हैं। 


प्रस्तुति वीना जोशी 
veenajoshi23@gmail.com

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