हाथों की उंगलियां बयां करती हैं स्वभाव से जुड़ी हर गहराई, जानें दिल में छुपे राज

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Mar, 2018 01:05 PM

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हाथ की लंबाई से उंगलियों की लंबाई का कोई संबंध नहीं होता। लंबी उंगलियों वाले हर काम को गहराई से करना पसंद करते हैं। नौकरों के प्रति व्यवहार, घर की साज-सज्जा, चित्रकारी या डाक्टर द्वारा किया जा रहा आप्रेशन।

हाथ की लंबाई से उंगलियों की लंबाई का कोई संबंध नहीं होता। लंबी उंगलियों वाले हर काम को गहराई से करना पसंद करते हैं। नौकरों के प्रति व्यवहार, घर की साज-सज्जा, चित्रकारी या डाक्टर द्वारा किया जा रहा आप्रेशन। काम को घसीटकर पूरा करने की उनकी आदत नहीं होती। कई बार तो ऐसे व्यक्ति सनकी लगने लगते हैं क्योंकि वे अपनी साज-सज्जा पर भी पूरी तरह ध्यान देते हैं।


इसके विपरीत छोटी उंगलियों वाले व्यक्तियों के स्वभाव में हर काम को जल्दी निपटाने की रहती है। अगर उनके सामने कोई समस्या आ जाए तो उसका निपटारा वे वहीं के वहीं करने में विश्वास रखते हैं। वे दिखावे की चिंता नहीं करते। न ही समाज द्वारा निर्धारित नियमों की परवाह करते हैं। न तो सोच-विचार में उनको समय गंवाने की आदत होती है, न सोच-विचार कर बोलने की। बस झट फैसला और मुंहफट बोली। बात इससे कुछ आगे तब बढ़ती है जब उंगलियां मोटी और बेडौल हों और फिर छोटी भी। बस व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और स्वार्थ खूब होगा। अगर उंगलियों में लचीलापन न हो, तनी हुई हों और अंदर को मुंड़ी हुई हों तो समझ लीजिए कि व्यक्ति अल्पभाषी, कम मेल-जोल रखने वाला और बहुत तरह से सावधान रहने वाला होगा। अगर उंगलियां धनुष के समान पीछे मुड़ती हों, लचकदार भी हों तो वह समाज में आदरणीय कहलाता है। उसमें मित्रता का भाव भी प्रबल होता है। चतुर और सहज स्वाभाविक जिज्ञासा वाला होता है। ऐसे लोग स्वत: ही आदर के पात्र बनते या कहलाते हैं।


टेढ़ी-मेढ़ी और विकृत उंगलियों वाला जातक गलत रास्ते पर चलने वाला, विकृत मस्तिष्क वाला और परनिंदा में लीन रहने वाला होता है। ऐसे लोग प्राय: अपने कृत्यों से उपहास का पात्र बनते हैं।


अगर किसी व्यक्ति की उंगलियों के छोर पर अंदर की ओर गद्दी सी हो तो वह संवेदनशील और व्यवहार कुशल होता है। उससे किसी को हानि नहीं होती। अगर उंगलियां जड़ से पतली हों तो वह व्यक्ति अपने स्वार्थ की चिंता नहीं करता। अच्छा खाना-पीना और अच्छा रहन-सहन उसकी आदत होते हैं।


अगर उंगलियां छितरी हुई हों यानी तर्जनी और मध्यमा के बीच की दूरी अधिक हो तो ऐसे व्यक्ति के विचार और कार्य स्वतंत्र होते हैं।


उंगलियों की आपसी लंबाई
हाथ की सभी उंगलियां बराबर नहीं होतीं। कहीं तर्जनी बहुत छोटी होती है तो कहीं मध्यमा के बराबर लंबी। ऐसे ही शेष उंगलियां होती हैं।


जिनकी तर्जनी ज्यादा लंबी हो तो व्यक्ति घमंडी बन जाता है। उसमें शासन करने और दूसरों पर प्रभुत्व दिखाने की आदत बन जाती है। ऐसी  उंगलियां अधिकतर कट्टर धार्मिक तथा राजनीतिक नेताओं के हाथों में पाई जाती हैं। ऐसे लोग अपने कायदे कानून अपने आप बनाते हैं।


जहां तर्जनी असाधारण रूप से लंबी हो और मध्यमा के बराबर हो, वहां व्यक्ति में घमंड की मात्रा बहुत बढ़ी-चढ़ी होती है। नेपोलियन में यही था। उसकी तर्जनी और मध्यमा बराबर थीं।


अगर मध्यमा वर्गाकार हो, भारी भी हो तो व्यक्ति गंभीर होता है। वह बात की तह तक जाने का प्रयास करता है। अगर मध्यमा नुकीली हो तो व्यक्ति के स्वभाव में क्रूरता और छिछोरापन होता है।


जिन हाथों की अनामिका तर्जनी के बराबर हो, उस व्यक्ति में अक्सर कला की प्रवृति से धन और यश कमाने की महत्वाकांक्षा होती है। वह समाज में प्रसिद्धि पाने को लालायित रहता है। जहां अनामिका की लंबाई मध्यमा के बराबर हो वहां व्यक्ति जीवन को जुआ समझने लगता है। वह चतुर, कला का जानकार और अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए जीवन, धन, मान-सम्मान सब कुछ दांव पर लगाने को तत्पर रहता है।
जिस व्यक्ति की उंगलियों का अगला सिरा चमचाकार हो तो वह व्यक्ति सफल अभिनेता, ओजस्वी वक्ता और प्रभावशाली धर्मोपदेशक बनता है। उसकी कला की प्रशंसा होती है।


जिस व्यक्ति की कनिष्ठा उंगली अच्छे आकार की, सुगठित और लंबी हो तो ऐसा व्यक्ति दूसरों को आसानी से प्रभावित कर लेता है। यदि उसकी लंबाई अनामिका के नाखून तक पहुंच जाए तो वह लेखक या प्रतिष्ठित कलाकार बन सकता है। उसे सर्वगुण संपन्न कहा जाता है।


कुछ और जानकारियां
जिस व्यक्ति का हाथ पतला हो, सूखा हो और कठोर हो वह जल्दी घबराने वाला और चिंतित स्वभाव का होता है। 


अगर हाथ लचकदार हो, मजबूत भी हो, उंगलियों का संतुलन हो तो उस व्यक्ति के विचारों में स्थिरता होती है। वह बात को जल्दी समझ लेने वाला होता है। जब हाथ ज्यादा मोटा न हो, कोमल, ढीला-ढाला और पिलपिला हो तो वह व्यक्ति आराम तलब होने के साथ-साथ आलसी होता है। विषय वासना में उसकी रुचि होती है।
गद्देदार हाथ वाले व्यक्ति निराशावादी होते हैं।


अक्सर हाथ में गड्ढा किसी रेखा की ओर झुका होता है। बीचों-बीच नहीं होता। अगर यह गड्ढा जीवन रेखा की ओर झुका हो तो व्यक्ति के पारिवारिक जीवन में निराशा और असंतोष होगा। अगर हाथ का शेष भाग रोग का संकेत दे तो उसकी भावनाएं बढ़ जाती हैं, यदि गड्ढा भाग्य रेखा के नीचे हो तो यह दुर्भाग्य का संकेत होता है। यदि हृदय रेखा के नीचे हो तो प्रेम में निराशा होती है।


बड़े हाथ वाला व्यक्ति हर काम को खूब अच्छी तरह सोच-विचार कर करने और समझ लेने के बाद करता है। वह इसीलिए अपने कार्यक्षेत्र में दक्ष माना जाता है। मगर छोटे हाथ वाले में ये गुण नहीं होते बल्कि इसके उलट होते हैं। छोटे हाथ वालों में धैर्य नहीं होता इसीलिए वे बारीकी से काम नहीं कर सकते। वे चाहें तो बड़ी योजना तो बना सकते हैं मगर उन्हें अमली रूप नहीं दे पाते। बड़े-बड़े ओहदों पर काम करने वालों के हाथ लंबे होते हैं वे जीवन में सफल भी होते हैं।

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