Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 03:21 PM
भारतीय थाली में जब तक दाल न परोसी जाएं तब तक खाने का मजा ही नहीं आता। हम अपने भोजन में अलग-अलग दालें खाना बेहद पंसद करते हैं क्योंकि यह दालें आयरन, फॉसफोरस, मैगनीशियम और
भारतीय थाली में जब तक दाल न परोसी जाएं तब तक खाने का मजा ही नहीं आता। हम अपने भोजन में अलग-अलग दालें खाना बेहद पंसद करते हैं क्योंकि यह दालें आयरन, फॉसफोरस, मैगनीशियम और विटामिन जैसे कई पौष्टिक तत्त्वों से भरपूर होती हैं। दालों का सेवन करने से शरीर तंदरूस्त रहता है और साथ ही इसे अपने भोजन में शामिल करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। इन दालों का इस्तेमाल दिन के हिसाब से अपने भोजन में करके ग्रहों को अनुकूल कर बुद्धिमान और धनवान भी बना जा सकता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है रविवार को भोजन में मसूर की दाल, अदरक और लाल साग का त्याग करना चाहिए। इस दिन चने की दाल और मूंग की दाल खाने से हैल्दी-वैल्दी बना जा सकता है।
सोमवार को छिलके वाली उड़द की दाल अथवा अरहर की दाल खाने से व्यक्ति सेहतमंद रहता है। स्वास्थ्य संबंधी कोई भी परेशानी हो तो ये दाल खाने से रामबाण सा प्रभाव देखेंगे।
मंगलवार को मसूर की दाल खाना मंगल ग्रह को सकारात्मकता प्रदान करता है।
बुधवार का दिन ग्रहों के राजकुमार बुध देव से संबंधित होने के कारण उनकी प्रिय मूंग की दाल, विशेष रूप से छिलके वाली मूंग की दाल खाने से अच्छी सेहत, कुशाग्र बुद्धि मिलती है। आर्थिक पक्ष मजबूत होता है।
बृहस्पतिवार को चने की दाल खाने से देवगुरु बृहस्पति की कृपा से धन, पुत्र और विद्या का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है।
शुक्रवार के रोज मूंग और कुल्थी की दाल खाना फायदेमंद रहता है लेकिन चने की दाल नहीं खानी चाहिए। इससे गुरु का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
शनिवार को काली उड़द, मटर और मसूर दाल खाना लाभकारी रहता है।