ज्योतिष: स्नान के पानी का ये उपाय भाग्य की बाधाओं को करेगा दूर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 03:39 PM

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कुंडली के दोष या जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के कारण दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। यदि व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद भी भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा है तो ज्योतिष में बताए गए उपाय करने से लाभ मिल सकता है।

कुंडली के दोष या जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के कारण दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। यदि व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद भी भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा है तो ज्योतिष में बताए गए उपाय करने से लाभ मिल सकता है। नहाने के पानी में कुछ खास वस्तुएं मिलाने से भाग्य की बाधाएं दूर हो सकती हैं और सफलता के साथ ही धन और सुख भी मिल सकता है।

 

नहाने से स्वास्थ्य लाभ और पवित्रता मिलती है। सभी प्रकार के पूजन कर्म आदि नहाने के बाद ही किए जाते हैं, इस कारण स्नान का काफी अधिक महत्व है। पुराने समय में सभी ऋषि-मुनि नदी में नहाते समय सूर्य को जल अर्पित करते थे और मंत्रों का जप करते थे। इस प्रकार के उपायों से अक्षय पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं।

 

ज्योतिष में धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जो अलग-अलग समय पर किए जाते हैं। नहाते समय करने के लिए एक उपाय बताया गया है। इस उपाय को सही विधि से हर रोज किया जाए तो निकट भविष्य में सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं।

 

रोज नहाने से पहले पानी में थोड़ी-सी इलायची और केसर मिलाकर स्नान करने से आपका बुरा समय धीरे-धीरे दूर हो सकता हैं।

 

पानी में दूध मिलाकर स्नान करने से मनुष्य को लम्बी आयु प्राप्त होती है। साथ ही शारीरिक बल भी प्राप्त होता है।

 

पानी में तिल डालकर स्नान करने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-समृद्धि का आगमन बना रहता है।

 

रोज नहाने के पानी में थोड़ा-सा घी मिलाकर स्नान करने से स्वस्थ शरीर और सुंदर त्वचा की प्राप्ति होती है।


नहाने के पानी में रोज सुगंधित वस्तुएं जैसे फुल, चंदन आदि मिलाकर स्नान करने से धन संबंधी परेशानियां खत्म हो सकती है।

 

नहाते समय करें मंत्रों का जप
शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जप करना चाहिए। स्नान करते समय किसी मंत्र का पाठ किया जा सकता है या कीर्तन या भजन या भगवान का नाम लिया जा सकता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

 

नहाते समय इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है।
मंत्र: गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलस्मिन्सन्निधिं कुरु।।

 


नदी में नहाते समय पानी पर ऊं लिखें
यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। ऐसा करने से नदी स्नान का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त हो जाती है। इस उपाय से ग्रह दोष भी शांत होते हैं। यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है।
 

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