बृहस्पति के राशि परिवर्तन से लगा मांगलिक और शुभ कार्यों पर विराम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 08:38 AM

auspicious work will not work well

देवगुरु बृहस्पति आज प्रात: 6:51 बजे चित्रा नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश करते ही कन्या से तुला राशि में प्रवेश कर गए हैं। इनके शुभाशुभ फलों से प्राय: सभी राशियां प्रभावित होंगी। गोचर भ्रमणवश बृहस्पति 12 सितम्बर को

देवगुरु बृहस्पति आज प्रात: 6:51 बजे चित्रा नक्षत्र के तृतीय चरण में प्रवेश करते ही कन्या से तुला राशि में प्रवेश कर गए हैं। इनके शुभाशुभ फलों से प्राय: सभी राशियां प्रभावित होंगी। गोचर भ्रमणवश बृहस्पति 12 सितम्बर को राशि परिवर्तित कर अपने शत्रु शुक्र की राशि तुला में प्रवेश करेंगे। तुला राशि में गुरु का भ्रमण अगले 13 माह तक रहेगा। इस दौरान गुरु चित्रा, स्वाति एवं विशाखा नक्षत्र में भ्रमण करेंगे। चित्रा नक्षत्र का स्वामी मंगल, स्वाति का राहू एवं विशाखा का स्वामी स्वयं गुरु है। राहू गुरु का मित्र नहीं है अत: यह तब हानि पहुंचाएगा जब स्वाति नक्षत्र में होगा। 


भारतीय ज्योतिष में बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ ग्रह कहा गया है। बृहस्पति अज्ञान को दूर कर सद्गति की राह पर चलने के लिए जातक को उत्प्रेरित करते हैं। गुरु एक राशि में लगभग 13 माह तक रहते हैं। गुरु द्विस्वभावगत राशियों-धनु और मीन के स्वामी हैं। चर राशिगत कर्क में उच्च और चर राशि मकर में नीच के होते हैं। अपने से 5, 7 तथा 9 वें स्थान को पूर्ण दृष्टि से देखते हैं। गुरु की दृष्टि शुभफलदायक होती है। यह ईशान दिशा का प्रतिनिधि है।


तुला में गोचरीय भ्रमण से गुरु की कुंभ, मेष व मिथुन राशि पर क्रमश: 5, 7 व 9वीं पूर्णदृष्टि रहेगी।  तुला राशि में भ्रमणवश गुरु 11 अक्तूबर को पश्चिम में अस्त होकर 6 नवम्बर को पूर्व में उदय होंगे। इस दौरान मांगलिक और शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। 

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