Edited By ,Updated: 23 Jan, 2017 02:50 PM
वर्तमान युग में बदलते लाइफस्टाइल के साथ लोगों के रहन-सहन में बहुत परिवर्तन आया है। जिसके चलते सुबह
वर्तमान युग में बदलते लाइफस्टाइल के साथ लोगों के रहन-सहन में बहुत परिवर्तन आया है। जिसके चलते सुबह आंख खोलते ही लोग बिस्तर पर लेटे-लेटे चाय की चुस्कियों के साथ दिन की शुरूआत करते हैं। ऐसा करना शास्त्रों के अनुकुल नहीं है। सुबह उठकर बिना हाथ मुंह धोए, कुल्ला किए कुछ भी खाना-पीना नही चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का सैकंड हाउस खराब हो जाता है और वह वाणी दोष के शिकार हो जाते हैं। सुबह उठकर पहले हाथ मुंह धोएं, एक गिलास पानी पिएं, फिर चॉय या कॉफी की प्याली होठों से लगाएं।
हमने अक्सर ऐसा सुना है कि सुबह उठकर हम सबसे पहले जिसका चेहरा देखते हैं वह हमारे लिए शुभ या फिर अशुभ भी हो सकता है। इसलिए हम सुबह उठते ही आंखें खोलने के बाद कोई अच्छी वस्तु देखना पसंद करते हैं ताकि पूरा दिन अच्छे से व्यतीत हो। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि हाथों में सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा, धन की देवी लक्ष्मी और सुख एवं समृद्धि की देवी सरस्वती तीनों का वास होता है। इसलिए सुबह-सुबह इन्हें देखना शुभ माना जाता है।
प्रसिद्ध आचार्य प्रदीप के एक श्लोक में कहा गया है ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले स्थि तो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।’
इस श्लोक का एक अन्य पाठ भी प्रचलित है जो इस तरह है
‘ऊं कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्यो सरस्वदती। करमूले च गोविन्द: प्रभाते कुरुदर्शनम्।।’
अर्थात हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करने चाहिएं ताकि दिन अच्छा गुजरे और तीनों देव हमें आशीर्वाद प्रदान करें। इन प्रमुख देवी-देवताओं के अलावा ऐसी मान्यता भी प्रसद्धि है कि हमारे दोनों हाथों में कुछ तीर्थ भी होते हैं।
चारों उंगलियों के सबसे आगे के भाग में वतीर्थ है, इसके बाद तर्जनी के मूल भाग में पितृ तीर्थ समाया है, कनिष्ठा के मूल भाग में प्रजापति तीर्थ है और अंगूठे के मूल भाग में ब्रह्मतीर्थ का वास माना जाता है। इसी तरह दाहिने हाथ के बीच में अग्रि तीर्थ समाया है और बाएं हाथ के बीच में सोमतीर्थ का वास है। इसके साथ ही अंगुलियों के सभी पोरों और संधियों में ऋषितीर्थ भी है।
हिन्दू धर्म में हमेशा से ही तीर्थों का दर्शन शुभ माना गया है। इसलिए सुबह-सुबह यदि इन सभी के ही एक क्षण में दर्शन हो जाएं तो यह कल्याणकारी माना गया है।