Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 12:40 PM
विश्वभर में भोलेनाथ कई रहस्यमयी मंदिर स्थापित है। न केवल शिव जी के बल्कि अनेकों देवी-देवताओं के मंदिर विश्व में जगह-जगह स्थापित है। प्रत्येक मंदिर का अपना-अपना इतिहास है, जिनकी वजह से उन्हें प्रसिद्ध प्राप्त है
विश्वभर में भोलेनाथ के कई रहस्यमयी मंदिर स्थापित है। न केवल शिव जी के बल्कि अनेकों देवी-देवताओं के मंदिर विश्व में जगह-जगह स्थापित है। प्रत्येक मंदिर का अपना-अपना इतिहास है, जिनकी वजह से उन्हें प्रसिद्ध प्राप्त है। उन्हीं रहस्यमयी मंदिरों में से शिव शंकर का एक मंदिर उड़ीसा में है, जो अजीबो-गरीब तरीके से झुका हुआ है। लेकिन इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका। पौराणिक इतिहास अनुसार जब इस स्थान पर ये मंदिर नहीं था तब यहां प्रत्येक दिन एक गाय आकर अपने ही दूध से पत्थर पर अभिषेक किया करती थी। तो आईए जानें इस मंदिर के बारे में-
किसी मंदिर का झुकना तो आम बात है, लेकिन इस मंदिर के संदर्भ में ये बात आम नहीं है क्योंकि जिस जगह पर ये मंदिर बना है, वहां की जगह पथरीली है। इसके बाद इस मंदिर का झुकना किसी अजूबे से कम नहीं है। इस अजूबे और रहस्यमयी मंदिर को देखने देश-भर से लोग यहां आते हैं। ये मंदिर उड़ीसा से करीब 23 किलोमीटर की दूरी परस्थित संबलपुर गांव के हुमा में महानदी के तट पर स्थित है। लोक मान्यता अनुसार इस मंदिर की स्थापना संबलपुर के चौहान वंश के राजा बलियार सिंह देव ने 1670 ई. में करवाया था।

स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित है। जैसे कुछ लोगों का कहना है कि जब इस स्थान पर मंदिर नहीं था तब यहां प्रत्येक दिन एक गाय आकर अपने ही दूध से पत्थर पर अभिषेक किया करती थी। जब इस बात का पता गाय के मालिक को चला तो वो भी रोजाना यहां आकर पूजा करने लगा। उसको पूजा करते देख उस समय के राजा बलराम देव ने उस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर बनवा दिया।

इसके बाद राजा बलियार देव ने इस मंदिर का पुन निर्माण करवाया। लेकिन जिस जगह इस मंदिर का निर्माण किया गया है वहां की जमीन काफी पथरीली है लेकिन इसके बाद भी ये मंदिर कब और कैसे झूका? इस सवाल का जवाब आज तक नहीं मिल पाया है और आज भी इस मंदिर को देखकर लोग हैरान हो जाते हैं।