पीपल के नीचे करें भोलेनाथ की पूजा, मिलेगी सफलता व पितृ दोष से मुक्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 11:34 AM

bholenaths worship will be done under peepal get rid of success and patriotism

सोमवार दिनांक 18.12.17 को पौष मास की अमावस्या मनाई जाएगी। सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। मत्स्यपुराण अनुसार पितृओं ने अपनी कन्या आच्छोदा के नाम पर आच्छोद नामक सरोवर का निर्माण किया था।

सोमवार दिनांक 18.12.17 को पौष मास की अमावस्या मनाई जाएगी। सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। मत्स्यपुराण अनुसार पितृओं ने अपनी कन्या आच्छोदा के नाम पर आच्छोद नामक सरोवर का निर्माण किया था। इसी सरोवर पर आच्छोदा ने पितृ नामक अमावस से वरदान पाकर अमावस्या पंचोदशी तिथि को पितृओं हेतु समर्पित किया। शास्त्रनुसार इस दिन कुश को बिना अस्त्र-शस्त्र के उपयोग किए उखाड़ कर एकत्रित करने का विधान है अतः इस दिन एकत्रित किए हुए कुश का प्रभाव 12 वर्ष तक रहता है। शास्त्रनुसार इस दिन पितृ के निमित पिण्डदान, तर्पण, स्नान, व्रत व पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थ के नदी-सरोवरों में तिल प्रवाहित करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन मौन व्रत रखने से सहस्र गोदान का फल मिलता। सोमवती अमावस्या पर शिव आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागने पति की दीर्घायु हेतु पीपल में शिव वास मानकर अश्वत का पूजन कर परिक्रमा करतीं हैं। आज के विशेष पूजन से सर्वार्थ सफलता मिलती है, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है तथा सुहाग की रक्षा होती है। 

 

विशेष पूजन: शिवलिंग व पीपल के निमित पूजन करें। तिल के तेल का दीप करें, चंदन से धूप करें, सफेद चंदन चढ़ाएं, सफेद तिल चढ़ाएं, दूध चढ़ाएं, सफेद फूल चढ़ाएं, खीर का भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें। इसके बाद खीर गरीबों में बाटें।

 

पूजन मंत्र: वं वृक्षाकाराय नमः शिवाय वं॥


पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:05 से प्रातः 10:05 तक।

 

उपाय
सर्वार्थ सफलता हेतु पीपल पर दूध चढ़ाएं। 


सुहाग की रक्षा हेतु पीपल पर की 7 परिक्रमा करें।


पितृ दोष से मुक्ति हेतु शिवलिंग पर चढ़े तिल जलप्रवाह करें।
 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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