Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 11:51 AM
रोजमर्रा के जीवन में जरूरत के सामान को खरीद कर तो सभी घर लेकर आते हैं, क्या उसे सही ढग से सहज कर भी रखते हैं? खाने-पीने के सामान को अन्य वस्तुओं से अधिक देखभाल की अवश्यकता होती है
रोजमर्रा के जीवन में जरूरत के सामान को खरीद कर तो सभी घर लेकर आते हैं, क्या उसे सही ढग से सहज कर भी रखते हैं? खाने-पीने के सामान को अन्य वस्तुओं से अधिक देखभाल की अवश्यकता होती है। शास्त्रों के अनुसार जिस घर में भोज्य पदार्थों को खराब करके फेंक दिया जाता है, वहां से अन्न की देवी अन्नपूर्णा और महालक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं। उस घर में बरकत नहीं होती। खाने का सामान खराब न हो, उसे लंबे समय तक रखने के लिए नॉर्थ-वेस्ट दिशा में रखें।
कुछ लोग साल भर के लिए गेंहू, चावल आदि को इकट्ठा खरीद कर रख लेते हैं। उनमें कीटनाशक दवा डालने के बाद पश्चिम दीवार के समीप रखें।
रसोई में उतने ही डिब्बे सजाएं, जितने की जरूरत हो। खाली पड़े डिब्बे अशुभता का संचार करते हैं। जब कोई डिब्वा खाली हो जाए तो उसे अच्छे से धोकर दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ धूप में सुखाएं। फिर से उसमें खाद्य पदार्थ भर कर रख दें। इससे घर में स्मृद्धि बनी रहती है।
स्टोर रूम में घी, तेल, गैस सिलेंडर को दक्षिण पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
घर की पूर्व दिशा में स्टोर रूम नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर का मुखिया सदा यात्रा पर ही रहता है।
स्टोर रूम को कबाड़ रूम न बनाएं। मान्यता है की टूटे बर्तनों में कलयुग का वास होता है, जिससे घर में नकारात्मकता सक्रिय रहती है। टूटी चारपाई या बेड रखने से आर्थिक हानि होती है। जिस घर में मुर्गा और कुत्ता पाला जाता है, उस घर से देवता हविष्य ग्रहण नहीं करते। घर के अंदर पेड़ न लगाएं।