Edited By ,Updated: 11 Oct, 2016 03:48 PM
व्यक्ति को अपनी आवश्यकताअों की पूर्ति हेतु धन की आवश्यकता होती है। धन की कमी होने पर व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना
व्यक्ति को अपनी आवश्यकताअों की पूर्ति हेतु धन की आवश्यकता होती है। धन की कमी होने पर व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग बहुत मेहनत करते हैं फिर भी उन्हें धन की कमी को झेलना पड़ता है। इससे संबंधित चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं।
चाणक्य कहते हैं-
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसन्चितम्।
दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता।।
इस श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि जहां ये तीन बातें होती हैं, वहां महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
* चाणक्य के अनुसार जिस घर में मूर्खों की अपेक्षा बुद्धिमान लोगों को मान-सम्मान दिया जाता है। वहां महालक्ष्मी वास करती है।
* जिस घर में अन्न के भंडार रहते हैं। जहां से कोई व्यक्ति खाली हाथ या भूखा न जाए अौर जिस घर में अतिथियों का आदर-सत्कार किया जाता है, जहां सात्विक भोजन किया जाता हो वहां देवी लक्ष्मी स्वयं विराजमान होती है।
* जिस घर में पति-पत्नी प्रेम से रहते हों, आपस में लड़ाई-झगड़ा न करे, वहां से देवी लक्ष्मी कभी नहीं जाती ।