चाणक्य नीति: जीवन में न करें ऐसे वचनों का उच्चारण, बनते हैं दु:ख का कारण

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 09:17 AM

chanakya niti

राजनीति और कूटनीतिज्ञ के पितामाह आचार्य चाणक्य ने ''चाणक्य नीति'' में बहुत सारी नीतियों का उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य की नीतियां विश्व प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा बनाई गई

राजनीति और कूटनीतिज्ञ के पितामाह आचार्य चाणक्य ने 'चाणक्य नीति' में बहुत सारी नीतियों का उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य की नीतियां विश्व प्रसिद्ध हैं। उनके द्वारा बनाई गई नीतियों का अनुसरण करने से व्यक्ति को कभी भी बुरे दिनों का सामना नहीं करना पड़ता। आचार्य चाणक्य की नीतियों का अनुसरण कर साधारण बालक चंद्रगुप्त मगध का सम्राट बना था। चाणक्य ने जीवन की प्रत्येक परिस्थियों से संबंधित नीतियां बनाई हैं।  

 

अग्रि दाहादपि विशिष्टं वाक्पारुष्यम्।

 

भावार्थ: कठोर वचनों का घाव इतना गहरा होता है कि उसे भरना मुश्किल हो जाता है जबकि अग्रि से जले का घाव जल्दी ठीक हो जाता है। अत: राजा को कभी कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिएं।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!