Edited By ,Updated: 20 Dec, 2016 09:37 AM
पत्नी-पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है। दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं। यदि पत्नी-पत्नी एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं तो उनका जीवन सुखद होता
पत्नी-पत्नी का रिश्ता बहुत अहम होता है। दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं। यदि पत्नी-पत्नी एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं तो उनका जीवन सुखद होता है। जिन घरों में इनके मध्य तालमेल की कमी होती है, वहां पर अशांति अौर दुख का वातावरण बना रहता है। आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कब किसी पत्नी के लिए उसका पति सबसे बड़ा शत्रु बन जाता है।
* चाणक्य के अनुसार बुरे चरित्र वाली स्त्री या जिसका किसी अन्य पुरुष के साथ संबंध हो वो अपने पति को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानती है। ऐसी स्त्री को उसका पति इस प्रकार के गलत कार्य करने से रोकता है तो वह उसे अपना शत्रु मानती है।
* पति-पत्नी दोनों में से कोई भी एक गलत कार्य करता है तो दूसरे को भी उसका परिणाम झेलना पड़ता है। यदि पत्नी गलती करे तो उसका प्रभाव पति अौर उसी प्रकार पति के गलत कार्यों का परिणाम पत्नी को झेलना पड़ता है।
* लालची व्यक्ति का सबसे अधिक मोह धन से होता है। इस प्रकार के लोगों के लिए अपनी जान से अधिक प्यार धन से होता है। ऐसे लोगों के घर कोई मांगने वाला आ जाए तो ये उसे शत्रु के समान समझते हैं। दान-पुण्य के कर्म उनको व्यर्थ लगते हैं।
* जो लोग मूर्ख होते हैं, वे ज्ञानी लोगों को शत्रु मानते हैं। जब कोई ज्ञानी मूर्ख को ज्ञान देता है तो वे उसे शत्रु के समान प्रतीत होते हैं। ज्ञान की बातें मूर्ख व्यक्ति को चुभती है अौर वह इन बातों पर अमल नहीं कर सकता है।