चाणक्य नीति: कोई भी पुरुष इन बातों की वजह से हो सकता है निराश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 11:27 AM

chanakya niti

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित न रखकर चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य को राजनीति एवं कूटनीति में संपन्न अौर अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उन्होंने अपने ज्ञान को स्वयं तक सीमित न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं। उन्होंने एक नीति में बताया है कि कोई पुरुष किन बातों की वजह से निराश हो सकता है।

कांता-वियोग: स्वजनामानो,ऋणस्य शेष: कुनृपस्य सेवा।
दरिद्रभावो विषमा सभा च,विनाग्निना ते प्रदहन्ति कायम्।।


व्यक्ति अनजाने लोगों द्वारा कही गई अपमानजनक बातों को भूला सकता है, लेकिन अपने मित्रों या रिश्तेदारों द्वारा किए गए अपमान को पूरा जीवन नहीं भूलता। जिससे उसकी निराशा बढ़ती ही जाती है। 

कुछ लोग अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए कर्ज ले लेते हैं, लेकिन समय पर चुका नहीं पाते। कर्ज के लगातार बढ़ने से न सिर्फ व्यक्ति बल्कि परिवार को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

कई बार व्यक्ति को न चाहते हुए भी बुरे व्यक्ति की सेवा करनी पड़ती है। जिसके कारण भी व्यक्ति पर निराश हावी रहती है। 
 

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