Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 11:42 AM
आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को जीवन से संबंधित कई नीतियां दी हैं। जिन पर अमल करके व्यक्ति खुशहाल जीवन
आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति को जीवन से संबंधित कई नीतियां दी हैं। जिन पर अमल करके व्यक्ति खुशहाल जीवन यापन करता है। चाणक्य ने एक नीति में ऐसे लेगों के बारे में बताया है, जिनसे दूरी बनाकर रखने में ही समझदारी है। ऐसे लोगों से संपर्क बनाकर रखने से भविष्य में दुखों का सामना करना पड़ सकता है।
मूर्खाशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दु:खिते सम्प्रयोगेण पंडितोऽप्यवसीदति।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार मूर्ख व्यक्ति से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति को उपदेश या ज्ञान नहीं देना चाहिए। व्यक्ति मूर्ख को ज्ञान देकर उसका भला करना चाहते हैं लेकिन वह इस बात को नहीं समझता है। मूर्ख लोग ज्ञान की बातों में भी व्यर्थ का तर्क-वितर्क करके समय नष्ट करते हैं। बुद्धिहीन को समझाने में मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए।
बुरे स्वभाव या चरित्र वाली स्त्री अौर पुरुष से दूर रहने में ही समझदारी है। ऐसे लोगों की मदद करने से किसी भी प्रकार का सुख नहीं मिलता। इस प्रकार के लोगों के संपर्क से व्यक्ति को समाज अौर परिवार में अपमान का सामना करना पड़ता है। धर्म के रास्ते से भटके लोग स्वयं तो पाप करते ही हैं अौर दूसरों को भी उसी रास्ते में चलते के लिए प्रेरित करते हैं।
जो लोग भगवान के दिए जीवन अौर सुखों से संतुष्ट न होकर सदैव दुखी रहते हैं उनसे दूर रहना चाहिए। ऐसे लोगों के साथ रहने से आप भी दुखी रहते हैं। बिना वजह दुखी रहने वाले लोग दूसरों के सुख से भी ईर्ष्या करते हैं। इस प्रकार के लोग स्वयं कुछ भी प्रयास नहीं करते अौर दुखी रहते हैं। बिना वजह से दुखी रहने वाले लोगों से दूरी बनाकर व्यक्ति सुखी रह सकता है।