प्रतिदिन करें इस मंत्र का जाप, बाधाएं दूर होकर मिलेगी कामयाबी

Edited By ,Updated: 22 May, 2017 02:43 PM

chant gayatri mantra

गायत्री मंत्र को सफलता देने वाला माना गया है। गायत्री माता की उपासना से जो फल मिलता है, उसका शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं

गायत्री मंत्र को सफलता देने वाला माना गया है। गायत्री माता की उपासना से जो फल मिलता है, उसका शब्दों में वर्णन करना सम्भव नहीं है। गायत्री मंत्र 24 अक्षरों का होता है, उसे वास्तव में 24 वर्णीय मंत्र कहते हैं। प्रतिदिन इस मंत्र को 108 बार जाप करने से विद्यार्थी का मन एकाग्र होता है। वेदों में गायत्री मंत्र के जप के लिए तीन समय बताए गए हैं। 

'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्' 

गायत्री मंत्र के जाप का पहला समय सुबह का है। वेदों में बताया गया है कि सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरू कर देना चाहिए।

मंत्र के लिए दूसरा समय दोपहर का है। वेदों के अनुसार दोपहर में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। 

तीसरा समय शाम सूर्यास्त के कुछ देर पूर्व मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जप करना चाहिए। 

शौच या किसी आकस्मिक काम के कारण जप में बाधा आने पर हाथ-पैर धोकर फिर से जप करें। बाकी मंत्र जप की संख्या को थोड़ी-थोड़ी पूरी करें। साथ ही एक से अधिक माला कर जप बाधा दोष का शमन करें। इन तीनों समय के अतिरिक्त मौन रहकर या मानसिक रूप से भी जाप कर सकते हैं। गायत्री मंत्र का जप तेज आवाज में नहीं करना चाहिए।

इस मंत्र के नियमित जप से त्वचा में चमक आती है। आंखों की रोशनी बढ़ती है। सिद्धि प्राप्त होती है। गुस्सा शांत होता है। ज्ञान की वृद्धि होती है। कामों में आ रही रुकावटें दूर होने लगती है और कामयाबी मिलने लगती है।

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