Edited By ,Updated: 31 Mar, 2017 12:20 PM
नवरात्रि में मां दुर्गा के नवस्वरूपों की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग उद्देश्यों के लिए माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का
नवरात्रि में मां दुर्गा के नवस्वरूपों की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार अलग-अलग उद्देश्यों के लिए माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। दुर्गा सप्तशती में मां के 108 नामों का उल्लेख किया है, जिनके स्मरण करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। माता की पूजा के लिए किसी विधि-विधान की आवश्यकता नहीं होती। केवल सच्चे मन से माता के 108 नामों के स्मरण से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके लिए व्यक्ति सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर जब भी समय मिले माता के इन नामों को स्मरण कर लें। उसके बाद माता से सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें। ये हैं माता दुर्गा के नाम-
माता दुर्गा के 108 नाम
सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुन्दरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, एंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिनी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिनी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रह्मावादिनी।