Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 11:21 AM
कहते हैं सपने इंसान को सोने नहीं देते फिर चाहे वे अच्छे हो या बुरे परंतु अच्छे स्वप्न व्यक्ति को बेचैन नहीं करते, बल्कि वही उसे जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
कहते हैं सपने इंसान को सोने नहीं देते फिर चाहे वे अच्छे हो या बुरे परंतु अच्छे स्वप्न व्यक्ति को बेचैन नहीं करते, बल्कि वही उसे जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायता करते हैं। अच्छे स्वप्न अगर बुरे सपनों में बदल जाएं तो इंसान को हिलाकर रख देते हैं। यह बुरे सपनें हमारी मानसिकता पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं क्योंकि इसके कारण व्यक्ति सुबह उठते ही बुरी आंशका से व्यथित हो जाता है। जिस वजह से उसका पूरा दिन खराब हो जाता है। प्राचीन शास्त्रों में बुरे सपनों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए कई उपाय और मंत्र आदि के बारे में बताया गया है।
बुरे सपनों को कम करने के लिए आपको अपने अंदर सकारात्मक सोच को प्रभल करने की आवश्यकता है।
रात्रि में सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करें और बाला जी से प्रार्थना करें कि आपको बुरे सपनों से दूर रखें।
माता काली और मां दुर्गा भी बुरे सपनों से बचाव करती है, अत: रात्रि में सोने से पहले इस मंत्र का उच्चारण करें।
ऊं दूं दुर्गाय रक्षाणि स्वाहा।।
अग्निपुराण के अनुसार बुरे स्वप्न से बचाव के लिए, एकाग्रता एवं मानसिक शांति पाने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
अद्यानो नो देव सवित:
प्रजावत्सवी: सौभाग्यम।
परा दु: स्वप्न्यं सुव।।
इस मंत्र का अर्थ है, हे सविता देव! हमें आप सन्तति पुनीत एेश्वर्य देंवे। दुखपद स्वप्नों, दरिद्रता और चिंताओं को हमसे दूर करें।