रुद्राक्ष की माला से करें इस मंत्र का जाप अकाल मृत्यु का डर होगा दूर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Feb, 2018 03:46 PM

chant this mantra with the rudraksh the fear of death will be far away

भगवान शंकर के यूं तो बहुत मंत्र है, जिनका उच्चारण करने से वें प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। लेकिन उन समस्त मंत्रों में से महामृत्युंजय एकमात्र एेसा मंत्र है जिसे सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। पु

भगवान शंकर के यूं तो बहुत मंत्र है, जिनका उच्चारण करने से वें प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। लेकिन उन समस्त मंत्रों में से महामृत्युंजय एकमात्र एेसा मंत्र है जिसे सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है। पुराणों में इसके प्रभाव व शक्तियों के बारे में अच्छे से वर्णन किया गया है। शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र का उच्चारण करने से मानव के जीवन मे आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियों का अंत होता है। लेकिन इस मंत्र का जाप करते समय कुछ नियमो का पालन करना अति आवश्यक होता है। 


महामृत्युंजय मंत्र का जप शुभ मुहूर्त में प्रारंभ करना चाहिए जैसे महाशिवरात्रि, श्रावणी सोमवार, प्रदोष (सोम प्रदोष अधिक शुभ है), सर्वार्थ या अमृत सिद्धि योग, मासिक शिवरात्रि (कृष्ण पक्ष चतुर्दशी) अथवा अति आवश्यक होने पर शुभ लाभ या अमृत चौघड़िया में किसी भी दिन। 

 

जिस जातक के हेतु इस मंत्र का प्रयोग करना हो, उसके लिए शुक्ल पक्ष में चंद्र शुभ तथा कृष्ण पक्ष में तारा (नक्षत्र) बलवान होना चाहिए। 

 

जप के लिए साधक या ब्राह्मण को कुश या कंबल के आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। 

 

आवश्यक होने पर 5 या 11 ब्राह्मणों से इसका जप कराएं तो ऊपर वर्णित जप संख्या शीघ्र पूर्ण हो जाएगी। 

 

सामान्यतः यह जप संख्या कम से कम 45 और अधिकतम 84 दिनों में पूर्ण हो जानी चाहिए। 

 

प्रतिदिन की जप संख्या समान अथवा बढ़ते हुए क्रम में होनी चाहिए। 


रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर दूर होता है।


महामृत्युंजय से होता है दोषों का नाश
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।


महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से होती है शुभ फल की प्राप्ति-
दीर्घायु- जिस भी मनुष्य को लंबी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका का जप करने वाले को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।

आरोग्य प्राप्ति- यह मंत्र मनुष्य को न सिर्फ निर्भय बनाता है बल्कि उसकी बीमारियों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।


सम्पत्ति की प्राप्ति- जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।


यश की प्राप्ति- इस मंत्र का जप करने से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है। सम्मान की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन महामृत्युजंय मंत्र का जप करना चाहिए।


संतान की प्राप्ति- महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का रोज जाप करने पर संतान की प्राप्ति होती है।

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