रामायण ज्ञान यज्ञ में सुंदरकांड के पाठ का हुआ समापन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 10:02 AM

closing of sunderkand path in ramayana yagna

जालंधर, (पांडे): श्री रामशरणम् आश्रम, 17, लिंक रोड द्वारा साईं दास स्कूल ग्राऊंड में आयोजित रामायण ज्ञान यज्ञ में श्रीमती रेखा जी द्वारा स्वामी सत्यानंद जी द्वारा रचित रामायण की चौपाइयों का पाठ किया गया। चौपाइयों की व्याख्या करते हुए श्री कृष्ण विज...

जालंधर, (पांडे): श्री रामशरणम् आश्रम, 17, लिंक रोड द्वारा साईं दास स्कूल ग्राऊंड में आयोजित रामायण ज्ञान यज्ञ में श्रीमती रेखा जी द्वारा स्वामी सत्यानंद जी द्वारा रचित रामायण की चौपाइयों का पाठ किया गया। चौपाइयों की व्याख्या करते हुए श्री कृष्ण विज ने कहा कि शूर्पनखा का बदला लेने के लिए रावण अपने दूतों को भेजता है कि उन वनवासियों का वध करके आओ जिसने मेरी बहन की नाक काटकर पूरी लंका को ललकारा है। जब दूतों के मारे जाने की सूचना रावण को मिलती है तो वह एक षड्यंत्र के तहत मायावी मारीच को माया मृग बना पंचवटी भेजता है जो सीता जी की कुटिया के आसपास उछलता-कूदता है। मायावी मृग पर सीता मोहित हो जाती हैं और उसे पकड़ने के लिए श्री राम उसके पीछे चले जाते हैं। देर होने पर लक्ष्मणजी  माता सीता को सचेत करके श्री राम को देखने चले जाते हैं। इधर रावण साधु वेश धर कर माता सीता का अपहरण कर उन्हें ले जाता है। रावण सीता मां को लंका में ले जाकर विभिन्न राक्षसियों से डरवाता है और प्रस्ताव भिजवाता है कि वह रावण को अपना ले लेकिन मां सीता उसकी बातों को ठुकरा देती हैं। 


इधर श्री राम लक्ष्मण सीता को ढूंढते हुए वनों में भटकते-भटकते उनकी हनुमान जी से मुलाकात होती है। हनुमान जी भी सीता की खोज में लंका पहुंचते हैं तो देखते हैं कि रावण ने अशोक वाटिका में सीता जी को बंदी बनाकर रखा हुआ है। 


हनुमान जी सीता जी को अपना परिचय बताते हैं, उसके बाद सीता जी अपना दुख हनुमान जी को सुनाती हैं और प्रभु श्री राम का हाल पूछती हैं व संदेश देती हैं कि मुझे यहां से जल्द मुक्त करा कर ले जाएं। हनुमान जी ने वाटिका उजाड़ दी जिसकी सूचना दूतों ने रावण को दी। रावण अपने महा बलशाली दूतों को भेज कर हनुमान जी को पकड़ लाने के लिए कहता है लेकिन वह मौके पर पकड़े नहीं जाते और सब को मार देते हैं। फिर रावण इंद्रजीत व मेघनाद को भेजता है जो हनुमान जी को पकड़ रावण के पास ले जाते हैं। हनुमान जी ने रावण से कहा कि तुम प्रभु श्री राम के चरणों में गिर कर माफी मांग लो राम क्षमा कर देंगे। बहादुर लोग जिंदगी में एक बार मरते हैं व कमजोर लोग रोज मरते हैं। आज की सभा में सुंदरकाण्ड का समापन हुआ। सभा का समापन सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नम: से हुआ। इस मौके पर कथा में विशेष रूप से विधायक राजेन्द्र बेरी तथा नगर निगम के मेयर जगदीश राजा पहुंचे। 


रामायण ज्ञान की पूर्णाहुति कल
आज सायं की सभा में सुन्दर कांड के पाठ के दौरान भारी संख्या में शामिल हुए साधकों को चलते पंडाल छोटा पड़ गया। इस दौरान श्री रामशरणम् आश्रम के मुख्य सेवक डा. नरेश बत्तरा ने बताया कि रामायण ज्ञान की पूर्णाहुति 25 मार्च को प्रात: 8 से 10 की कथा में होगी। इसके बाद 12 बजे श्री कृष्ण विज तथा श्रीमती रेखा विज जी श्री राम नवमी उत्सव कमेटी द्वारा निकाली जाने वाली शोभायात्रा का शुभारम्भ अमृतवाणी संकीर्तन द्वारा करेंगे।

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