Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 10:39 AM
भारत की धरती पवित्र आत्माओं की धरती है जिसकी मिट्टी ने अनगिनत संतों, महात्माओं व योगियों को जन्म दिया है। आज वे संत-महात्मा चाहे हमारे बीच नहीं रहे, परंतु उनकी शिक्षाएं एवं आचरण हमारे जीवन को सार्थक बना रहे हैं।
भारत की धरती पवित्र आत्माओं की धरती है जिसकी मिट्टी ने अनगिनत संतों, महात्माओं व योगियों को जन्म दिया है। आज वे संत-महात्मा चाहे हमारे बीच नहीं रहे, परंतु उनकी शिक्षाएं एवं आचरण हमारे जीवन को सार्थक बना रहे हैं। ऐसे ही संत-योगी महापुरुष थे स्वामी राम प्यारा जी महाराज जिन्होंने अपना समूचा जीवन समाज व योग को समर्पित कर दिया। उनकी बातचीत, आचरण, वेशभूषा, आचार-व्यवहार में कहीं भी लेशमात्र आडंबर नहीं था।
साधन सम्पन्न न होते हुए भी योग का प्रचार-प्रसार 96 वर्ष की आयु तक करते रहे। स्वामी जी का मानना था कि ऐसे समय में जब जीवन व्यस्तता, प्रतिस्पर्धा एवं तनाव आदि से ग्रस्त है, केवल योग ही जीने का सही मार्ग प्रशस्त कर सकता है। स्वामी जी ने योग को घर-घर पहुंचाने के लिए, शहर-शहर, गांव-गांव योग शिविरों का आयोजन किया और योग द्वारा अनेक प्रकार के रोगों का इलाज योग प्रणाली द्वारा किया। उनकी मानवता एवं समाज के प्रति निष्काम सेवा एवं योग के प्रचार-प्रसार में दिए योगदान के लिए वे अविस्मरणीय रहेंगे। योग साधन आश्रम अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, नंगल व दिल्ली में उनकी स्मृति में पूजन व लंगर आयोजित होंगे। अमृतसर व जालंधर में प्रात: 10 से 1 बजे तक आयोजन होगा।