Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 05:01 PM
हिंदू मान्यतानुसार देवी दुर्गा को शक्ति का अवतार माना जाता है। माता दुर्गा जी के पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में देवियों के वर्ग में देवी दुर्गा को शक्ति का अवतार मानकर उनकी आराधना की परंपरा प्राचीन काल से चलती आ रही है।
हिंदू मान्यतानुसार देवी दुर्गा को शक्ति का अवतार माना जाता है। माता दुर्गा जी के पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में देवियों के वर्ग में देवी दुर्गा को शक्ति का अवतार मानकर उनकी आराधना की परंपरा प्राचीन काल से चलती आ रही है। शक्ति के उपासक और साधक को शाक्त कहा जाता है। शक्ति-साधक यानी शाक्त अनेकानेक मंत्रों से देवी दुर्गा और उसके विभिन्न अवतारों और रूपों की उपासना करते हैं। नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा की पूजा-स्तुति विशेष रूप से की जाती है। हिंदू पुराणों में देवी मां के कई प्रकार के मंत्र मिलते हैं जिससे व्यक्ति अपनी कई मुसीबतों से बहार आ सकता है।
यदि अवरोधों का शमन न हो तथा परिस्थितियां विकराल हो जाएं तो परिस्थिति के अनुरूप मंत्र का चुनाव कर, उनका जप कर समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।
ये है मंत्र -
शत्रु शमन व बाधाओं से मुक्ति हेतु शीघ्र सिद्धि देने वाला मंत्र
'ॐ इत्थं यदायदा बाधा दानवोत्था भविष्यति।
तदा तदावतीर्याहं करिष्याम्यरि संशयम् ॐ।।'
'यं यं चिन्तयते कामं तं तं प्राप्नोति निश्चितम् परमेश्वर्यमतुलं प्राप्स्यते भूतले पुमान।।'
इन मंत्रों से सम्पुटित दुर्गापाठ करने या करवाने से यदि संभव नहीं हो तो केवल मंत्र जाप करने से सिद्धि प्राप्त की जा सकती है। संकल्प लेना अनिवार्य है। फल प्राप्ति हेतु हवन आवश्यक है।