Edited By ,Updated: 15 Mar, 2017 09:46 AM
अगर आपके घर-परिवार पर रोग और शोक का साया मंडरा रहा है, तो आपको एक नजर अपने घरौंदे की तरफ दौड़ाने की जरूरत है,
अगर आपके घर-परिवार पर रोग और शोक का साया मंडरा रहा है, तो आपको एक नजर अपने घरौंदे की तरफ दौड़ाने की जरूरत है, कहीं वास्तुदोष प्रभावित तो नहीं कर रहा। हमारे जीवन में वास्तु का महत्व बहुत ही अधिक है। इस विषय में ज्ञान अति आवश्यक है। वास्तुदोष से व्यक्ति के जीवन में अनेक संकट आते हैं। ये समस्याएं घर की सुख-शांति पर प्रभाव डालती हैं। कुछ बातें ऐसी हैं जिनका सोते समय ध्यान रखना चाहिए जैसे रात को सोते वक्त यदि सिर उत्तर दिशा में और पैर दक्षिण दिशा में हो तो, सिरदर्द और नींद न आने जैसे रोग हो सकते हैं।
शयनकक्ष में जूठे बर्तन रखने से घर की महिला के स्वास्थ पर प्रभाव पड़ता है तथा परिवार में क्लेश भी होता है।
यदि कोई अधिक समय से बीमार है तो दक्षिण-पश्चिम कोने में उसे सुलाना चाहिए।
ईशान कोने में शीतल जल रखने से व्यक्ति बहुत ही जल्दी स्वस्थ होता है।
प्रवेश द्वार की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। लक्ष्मी का अपमान होता है।
गर्भवती स्त्रियों को गर्भाशय संबंधी समस्या से बचाव रखने हेतू दक्षिण-पश्चिम दिशा वाले शयन कक्ष में सोना चाहिए।
शयन कक्ष में भारी वस्तु न रखें।
शयन कक्ष में गंदे व्यसन करने से आपकी तरक्की में बाधा आएगी।
नवजात शिशु को सुलाते समय उसका सिर पूर्व दिशा की तरफ रखें।
पलंग कभी दीवार से मिलाकर न रखें। इससे पति-पत्नी में तकरार होती है।