Edited By ,Updated: 23 May, 2017 12:55 PM
हर शुभ कार्य करने से पूर्व विघ्नहर्त्ता गणेश जी का पूजन किया जाता है। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है। जिस पर गणेश जी की कृपा हो जाए उसके
हर शुभ कार्य करने से पूर्व विघ्नहर्त्ता गणेश जी का पूजन किया जाता है। बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है। जिस पर गणेश जी की कृपा हो जाए उसके जीवन में आने वाली सारी बाधाएं दूर हो जाती है। गणेश जी अपने भक्तों के संकट, रोग, दरिद्रता को हर लेते हैं। शास्त्रों में कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जिनसे गणेश जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
बुधवार के दिन स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर मंदिर जाकर गणेश जी को दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। इससे व्यक्ति को शीघ्र शुभ फल की प्राप्ति होती है।
कई बार अधिक मेहनत करने के बाद भी कार्य में असफलता मिलती है तो बुधवार के दिन गणेश जी के इस मंत्र का विधि-विधान के साथ जाप करें। इससे सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
गाय की सेवा करने से सुख-शांति व पुण्य की प्राप्ति होती है। बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से व्यक्ति पर सभी देवी-देवताअों की कृपा बनी रहती है।
घर में नकारात्मक ऊर्जा है अौर कई उपाय करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ तो बुधवार को घर में गणेश जी की सफेद प्रतिमा की स्थापना करें। ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाएगी अौर ऊपरी शक्तियों का असर भी नहीं होगा।
बुध ग्रह खराब है तो बुधवार के दिन किसी गरीब या मंदिर में जाकर हरे मूंग का दान करें। ऐसा करने से बुध ग्रह का दोष शांत हो जाएगा।
घर में हर समय कलेश रहने से परिवार में सुख-शांति नहीं रहती। इससे मुक्ति हेतु बुधवार को दूर्वा से बनी प्रतिकात्मक गणेश जी की प्रतिमा बनवाएं, उसके बाद उसे घर के पूजा-स्थल में स्थापित करें अौर प्रतिदिन इनका विधि-विधान से पूजन करें।
बुधवार को गणेश जी को सिंदूर अर्पित करें। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी। जब गणेश जी पर सिंदूर अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें।
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।।
बुधवार को गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करें। इससे बुद्धि तेज होती है। इसके साथ ही सभी क्लेशों का नाश होता है अौर मानसिक शांति मिलती है। शमी के पत्ते अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें। इससे गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
त्वत्प्रियाणि सुपुष्पाणि कोमलानि शुभानि वै।
शमी दलानि हेरम्ब गृहाण गणनायक।।