Edited By ,Updated: 13 Feb, 2017 11:30 AM
राम हनुमान जी के आदर्श देवता हैं। हनुमान जी जहां राम के अनन्यभक्त हैं, वहां राम भक्तों की सेवा में
राम हनुमान जी के आदर्श देवता हैं। हनुमान जी जहां राम के अनन्यभक्त हैं, वहां राम भक्तों की सेवा में भी सदैव तत्पर रहते हैं। जहां-जहां श्रीराम का नाम पूरी श्रद्धा से लिया जाता है, हनुमान जी वहां किसी न किसी रूप में अवश्य प्रकट होते हैं। ऐसी कई कथाएं हैं जहां हनुमान जी ने श्रीराम के भक्तों का पूर्ण कल्याण किया है। हनुमान जी को भक्त शिरोमणि का पद प्राप्त है। उनका ध्यान ग्रह, मन, कर्म व विचारों के दोषों को दूर कर सुख-सफलता देने वाला माना गया है। कठिन से कठिन काम भी हनुमान जी के स्मरण मात्र से आसान हो जाते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो सशरीर इस पृथ्वी पर विचरण करते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। हनुमान जी को संकटमोचन कहा गया है। हनुमान जी का नाम स्मरण करने मात्र से ही भक्तो के सारे संकट दूर हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ। अत: मंगलवार के दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इसके अतिरिक्त शनिवार को भी हनुमान पूजा का विधान है। हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत सरल है। राह चलते उनका नाम स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट दूर हो जाते हैं। मानव जीवन का सबसे बड़ा दुख ''भय'' है और जो साधक श्री हनुमान जी का नाम स्मरण कर लेता है वह भय से मुक्ति प्राप्त कर लेता है। हनुमान जी की उपासना से बुद्धि, यश, शौर्य, साहस और आरोग्यता में वृद्धि होती है।
जीवन में जैसी भी समस्या आ रही हो रात के समय हनुमान जी के समक्ष मिट्टी के पात्र में तेल का दीपक अर्पित करें। स्त्री और पुरुष दोनों के लिए प्रतिदिन रात को अथवा हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। हनुमान जी की आराधना करने से पहले यदि प्रभु श्री राम के निम्न मंत्र का जाप कर लिया जाए तो शीघ्र ही उत्तम एवं शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
मंत्र स्मरण के बाद श्रीराम स्तुति और आरती करें। मान्यता है कि इस मंत्र जाप से राम का नाम किसी भी संकट में लेने पर राम भक्त हनुमान संकटमोचक बन सुख-सौभाग्य देते हैं।