Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 04:06 PM
कभी-कभी कुछ व्यक्ति अपनी पूरी जी-जान से मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी अपने प्रत्येक कार्य में पर्याप्त सफलता प्राप्र कर पाते। क्योंकि कभी-कभी इसका कारण मन का एकाग्र न होना हो सकता है।
कभी-कभी कुछ व्यक्ति अपनी पूरी जी-जान से मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी अपने प्रत्येक कार्य में पर्याप्त सफलता प्राप्र कर पाते। क्योंकि कभी-कभी इसका कारण मन का एकाग्र न होना हो सकता है। इसलिए कहा गया है कि यदि व्यक्ति का मन एकाग्र हो और अपने लक्ष्य को पाने की भूख हो तो वह संभव कार्य को भी आसनी से पूरा कर लेता है। अगर इसे ज्योतिष दृष्टीकोण से देखा जाए तो एकाग्रता में कमी का कारण चंद्र होता है।
चंद्र ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो मन की ही तरह तेजी से गतिशील होता है। चंद्र मात्र ढाई दिन ही एक राशि में रुकता है। इसके चंचल स्वभाव के कारण ही इसे मन का कारक ग्रह भी कहा जाता है। चंद्र हमारे मन को पूरी तरह प्रभावित करता है। यदि चंद्र नीच का या अशुभ फल देने वाला हो तो व्यक्ति पागल भी हो सकता है।
चंद्र विपक्ष में होने पर व्यक्ति कोई भी निर्णय ठीक से नहीं कर पाता। मन भटकता रहता है। इसलिए चंद्र को बलवान बनाने के लिए सफेद चीजों का दान करने को कहा जाता है। जैसे कुंवारी कन्याओं को दूध पिलाना, सफेद मिठाई का दान करना या सफेद कपड़े का दान, बड़ के वृक्ष पर दूध चढ़ाना या चांदी के सिक्के को नदी में प्रवाहित करने से चंद्र को बल मिलता है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि मन को एकाग्र करने के लिए सफेद चीजों का दान करना चाहिए।
चंद्र ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो मन की ही तरह तेजी से गतिशील है। चंद्र मात्र ढाई दिन ही एक राशि में रुकता है। इसके चंचल स्वभाव के कारण ही इसे मन का कारक ग्रह भी कहा जाता है। चंद्र हमारे मन को पूरी तरह प्रभावित करता है। यदि चंद्र नीच का या अशुभ फल देने वाला हो तो व्यक्ति पागल भी हो सकता है। चंद्र विपक्ष में होने पर व्यक्ति कोई भी निर्णय ठीक से नहीं कर पाता। मन भटकता रहता है।