कुंडली में इन ग्रहों के कुप्रभाव के कारण नहीं लगता बच्चों का पढ़ाई में मन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Mar, 2018 05:35 PM

due to the influence of these planets in the horoscope children do not study

पढ़ाई जिंदगी में बहुत अहमियत रखती है। आपकी मेहनत तो है पर करियर के मामले में जन्म कुंडली भी सहायक होती है। तो आइए जानें कुंडली क्या कहती है। जन्म कुंडली के दूसरे घर (भाव) में बुध, गुरु, शुक्र ग्रहों का बड़ा महत्व है।

पढ़ाई जिंदगी में बहुत अहमियत रखती है। आपकी मेहनत तो है पर करियर के मामले में जन्म कुंडली भी सहायक होती है। तो आइए जानें कुंडली क्या कहती है। जन्म कुंडली के दूसरे घर (भाव) में बुध, गुरु, शुक्र ग्रहों का बड़ा महत्व है। इस भाव में होने पर ये ग्रह विद्या बुद्धि से घनिष्ठ संबंध रखते हैं। बृहस्पति के जन्म कुंडली में शुभ स्थान में बैठने से गणित ज्योतिष, बुध से डाक्टर, शुक्र से गायन कला, मंगल से न्याय, गणित, सेना, सूर्य से वेदांत, चंद्रमा से वैद्य अथवा जलीय क्षेत्र मिलते हैं।


जन्म लग्र से अथवा चन्द्र कुंडली से पांचवें घर की राशि (अंक) का स्वामी ग्रह यदि बुध, गुरु, शुक्र के साथ कुंडली के त्रिकोण अथवा ग्यारहवें भाव में हो तो आपस में मैत्री संबंध रखते हैंं और शुभ दृष्ट होकर व्यक्ति को अति यशस्वी एवं विद्वान बनाते हैंं प्रतिकूल अवस्था में जन्म लग्र का स्वामी ग्रह दूसरे, पांचवें, दसवें घर के स्वामी ग्रह/शुभ घरों में न हों, शत्रु ग्रहों द्वारा दृष्ट हों तो शुभ फल योग होते हुए भी प्रतिकूल फल मिलता है। बुध-गुरु यदि पांचवें भाव में इकट्ठे हों या दसवें में इकट्ठे हों तो व्यक्ति अति सम्माननीय पद पाता है। मान लीजिए लग्र वृष है, दूसरे घर का स्वामी (मिथुन) बुध पांचवें घर में अपनी ही राशि (6) में गुरु के साथ बैठा हो, जातक के बाकी ग्रह शुभ स्थान में हों, तो जातक राजा तुल्य होगा। यदि कर्क लग्र की कुंडली में सूर्य, मंगल, बुध दसवें ग्रह भाव (1) में स्थित हों, चन्द्रमा द्वितीय में (5) आ गया हो तो एेसा जातक प्रतिष्ठित वकील-जज बन सकता है।

 

अच्छे परिणाम के लिए 
70 सैं.मी. सफेद कपड़ा, चावल 70 ग्राम, सफेद पुष्प 7, सफेद तिल 70 ग्राम, जनेऊ  के जोड़े 7, कोई भी धार्मिक 7 पुस्तकें अथवा 7 दुर्गा चालीसा, सफेद चंदन के छोटे-छोटे 7 टुकड़े, एक सरस्वती यंत्र, यंत्र के नीचे बच्चे का नाम लिख कर इन  सभी वस्तुओं को बृहस्पतिवार के दिन बच्चे के हाथ लगवा कर उसे सफेद कपड़े में बांध कर ‘ऊँ श्रीं हीं क्लीं नम:’ की एक माला करके सारे सामान की पोटली को किसी भी देवी-देवता के चित्र अथवा सरस्वती मां के चित्र के पीछे घर में किसी सुरक्षित स्थान में रख दें। बच्चा पढ़ाई में रुचि लेने लगेगा और उत्तीर्ण होगा। बच्चा उत्तीर्ण हो जाए तो सामान को मंदिर में दक्षिणा के साथ दान कर दें अथवा जलप्रवाह कर दें। अलग-अलग बच्चों के लिए यह उपाय अलग-अलग करें।

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