आपको अपने आस-पास कैसे लोग दिखते हैं, परखें स्वयं के चरित्र की कसौटी

Edited By ,Updated: 23 Dec, 2016 11:43 AM

duryodhana  yudhisthira

महाभारत की एक घटना है। दुर्योधन और युधिष्ठिर दोनों के गुरु द्रोणाचार्य थे। जब उनकी शिक्षा पूरी हो गई तो सभी

महाभारत की एक घटना है। दुर्योधन और युधिष्ठिर दोनों के गुरु द्रोणाचार्य थे। जब उनकी शिक्षा पूरी हो गई तो सभी परीक्षाओं के बाद गुरु ने उनके चरित्र विकास की स्थिति के आकलन के लिए अलग से एक परीक्षा ली।


गुरु द्रोणाचार्य ने दुर्योधन को पहले अपने पास बुलाया और कहा, ‘‘जाओ एक अच्छे व्यक्ति की तलाश कर मेरे पास लाओ।’’


दुर्योधन के जाने के बाद उन्होंने युधिष्ठिर को बुलाया और कहा, ‘‘जाओ एक बुरे व्यक्ति को तलाश कर लाओ।’’


दुर्योधन चला गया और शाम को अकेला लौटा तथा उसने गुरु द्रोणाचार्य से कहा, ‘‘क्या दुनिया में कोई भला आदमी भी हो सकता है? मैं सुबह से शाम तक भटकता रहा, मुझे तो एक भी भला आदमी नजर नहीं आया जिसे आपके पास लाता।’’


गुरुदेव ने अब युधिष्ठिर की तरफ दृष्टिपात किया क्योंकि वह भी खाली हाथ लौटे थे। युधिष्ठिर ने कहा, ‘‘गुरुदेव मैंने लोगों से बुरे व्यक्ति के बारे में पूछताछ की। मुझे लोगों ने कई नाम बताए जिन्हें बुरा आदमी कहा जा सकता है लेकिन जब मैं उनसे मिला तो मुझे आभास हुआ कि उनमें तो तमाम गुण मौजूद हैं। मुझे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला जो सम्पूर्ण रूप से बुरा हो। इसलिए गुरुदेव मैं किसी को भी आपके पास लाने में असमर्थ रहा।’’

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