Edited By ,Updated: 22 Apr, 2017 02:28 PM
सूर्योदय से पूर्व उठना शास्त्र सम्मत ही नहीं है बल्कि स्वास्थ्य और समृद्घि के लिए भी अच्छा है। सुबह देर तक सोने से
सूर्योदय से पूर्व उठना शास्त्र सम्मत ही नहीं है बल्कि स्वास्थ्य और समृद्घि के लिए भी अच्छा है। सुबह देर तक सोने से शरीर में रोग और शोक अपना बसेरा बना लेते हैं।जहां रोग और शोक होगा वहां लक्ष्मी का बसेरा नहीं हो सकता। शास्त्रों के अनुसार भोर होते ही उठ जाना चाहिए। दिन में केवल बीमार व्यक्ति ही नींद व आराम कर सकते हैं अन्य लोगों के लिए शास्त्रों में इसकी मनाही है। सुबह का आरंभ जैसा होता है उसका प्रभाव आपके सारे दिन के कार्यों पर पड़ता है। अवश्यक है कि आप सुबह अपनी आंखे खोलते ही कुछ ऐसा करें की आपका दिन बन जाए। सभी चाहते हैं उनका हर दिन मंगलमयी और शुभ हो तो हर दिन सफलता, प्रगति और शुभता के लिए बिना कुछ खर्च किए सुबह उठकर भगवान श्री कृष्ण के द्वारा बताया ये काम करें।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है, " महर्षयः सप्त पूर्वे चत्वारो मनवस्तथा। मद्भावा मानसा जाता येषां लोक इमाः प्रजाः।।"
अर्थात सप्तर्षि की उत्पत्ति मेरे मन से ही हुई है और यह मेरी ही विभूति हैं। जो मनुष्य सुबह उठकर इनके नामों को याद करता है उसका सारा दिन जोश, उमंग और आनंद में व्यतीत होता है एवं समाज में यश और कीर्ति बढ़ने लगती है।
पुराणों के अनुसार सप्तर्षियों के हैं ये सात नाम वसिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र और भरद्वाज।