गणेश चतुर्थी: भूलवश देख लिया है चांद, कलंक लगने से बचाएंगे ये उपाय

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 11:01 AM

ganesh chaturthi specia

हर मांगलिक कार्य में सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करना भारतीय संस्कृति में अनिवार्य माना गया है। कोई भी पूजा अर्चना, देव पूजन, यज्ञ, हवन, गृह प्रवेश, विद्यारंभ, अनुष्ठान हो सर्वप्रथम गणेश वंदना ही की जाती है ताकि

हर मांगलिक कार्य में सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करना भारतीय संस्कृति में अनिवार्य माना गया है। कोई भी पूजा अर्चना, देव पूजन, यज्ञ, हवन, गृह प्रवेश, विद्यारंभ, अनुष्ठान हो सर्वप्रथम गणेश वंदना ही की जाती है ताकि हर कार्य बिना किसी विध्न के समाप्त हो जाए। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा का पूजन करने से जीवन में आ रही सभी विध्न-बाधाओं से रक्षा होती है लेकिन अगर भूलवश देख लिया है चांद तो भुगतने पड़ेगे घातक परिणाम। इन उपायों से पाई जा सकती है कलंक लगने से मुक्ति:


एक पत्थर अपने पड़ोसी की छत पर फैंक दीजिए।


भागवत की स्यमंतक मणि की कथा सुने यां पाठ करें।


आईने में अपनी शकल देखकर उसे बहते पानी में बहा दीजिए।


21 अलग अलग पेड़ पौधों के पत्ते तोड़कर अपने पास रख लीजिए।


मौली में 21 दूर्वा बांधकर मुकुट बनाएं तथा इस मुकुट को गणपति मंदिर में गणेशजी के सिर पर चढ़ाएं।


शाम के समय अपने अतिप्रिय निकट संबंधी से कटु वचन बोलें तत्दुप्रांत कल प्रातः उससे से क्षमा मांग लें।


सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जांबवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।। इस मंत्र का का 21 बार जाप करें।


रात के समय मुहं नीचे करके और आंखें बंद करके आकाश में स्थित चंद्रमा को आईना दिखाइए तथा आईने को चौराहे पर लेजाकर फैंक दीजिए।    


गणेशजी की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति पर 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेशजी की प्रतिमा के पास रखकर शेष ब्राह्मणों में बांट दें।


संध्याकाल में सूर्यास्त पूर्व किसी पात्र में दही में शक्कर मिलाकर अपनी छाया देखकर अपनी समस्या मन ही मन कहें। तत्पश्चात इस घोल को किसी कुत्ते को खिलाएं।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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