गणेश चतुर्थी: ये है बप्पा को घर लेकर आने का शुभ मुहूर्त

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 08:43 AM

ganesh chaturthi this is the auspicious time to bring bappa home

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक शुभ कार्य से पहले तथा सभी देवताओं से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। भगवान गणेश बुद्धि ऋद्धि व सिद्धि के स्वामी हैं। एकदंत

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक शुभ कार्य से पहले तथा सभी देवताओं से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। भगवान गणेश बुद्धि ऋद्धि व सिद्धि के स्वामी हैं। एकदंत गणपति जी का स्वरूप अत्यन्त मंगलदायक है। गणेश जी अग्रपूज्य, शिवगणों के ईश तथा प्रणवस्वरूप हैं। गणपति जी चतुर्बाहु हैं तथा अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। गणपति जी रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। गणपति पूजन से विद्या, बुद्धि तथा ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही विघ्न-बाधाओं का भी समूल नाश हो जाता है। पौराणिक काल में बालकों का विद्या आरम्भ गणेश चतुर्थी से ही प्रारम्भ होता था तथा बालक छोटे-छोटे डण्डों को बजाकर खेलते हैं। इसी कारण लोकभाषा में इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं। 


विशिष्ट मुहूर्त: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गणेश चतुर्थी का महापर्व शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को मनाया जाएगा। चतुर्थी तिथि गुरुवार दि॰ 24.08.17 को रात्रि 20:28 मिनट पर शुरू हो जाएगी। गणेश मूर्ति का स्थापना का समय चंद्रोदय के समय बताया गया है। जिसके अनुसार शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को प्रातः 09:10 पर चंद्रोदय होगा। अतः अभिजीत मुहूर्त में दिन 11:57 से लेकर दिन 12:48 तक गणपती स्थापना हेतु सर्वश्रेष्ठ शुभ महूर्त है। ध्यान दें इस दिन प्रातः 08:24 से लेकर रात 20:31 तक भद्राकाल रहेगा जिसमे शुभ कार्य वर्जित कहे गए हैं। चतुर्थी तिथि गुरुवार दि॰ 24.08.17 को रात्रि 20:28 मिनट पर शुरू होकर रात शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को रात 20:31 समाप्त होगी तथा इस समय चंद्र दर्शन वर्जित है अतः सावधान रहें। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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