मंगलवार का गुडलक:  नृसिंह द्वादशी पर मिलेगी दुर्घटनाओं से सुरक्षा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 07:35 AM

मंगलवार दि॰ 27.02.18 को फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को नृसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाएगा। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चतुर्थ अवतार हैं नृसिंह। इस अवतार में हरी आधे मनुष्य अर्थात नर व आधे शेर अर्थात सिंह के रूप में अवतरित हुए...

मंगलवार दि॰ 27.02.18 को फाल्गुन शुक्ल द्वादशी को नृसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाएगा। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से चतुर्थ अवतार हैं नृसिंह। इस अवतार में हरी आधे मनुष्य अर्थात नर व आधे शेर अर्थात सिंह के रूप में अवतरित हुए थे। मान्यतानुसार प्राचीन काल में कश्यप ऋषि व उनकी दैत्य पत्नी दिति के दो पुत्र हरिण्याक्ष व हिरण्यकशिपु थे। विष्णु के वराह अवतार में हरिण्याक्ष के वध से क्रोधित हिरण्यकशिपु ने भाई की मृत्यु का बदला विष्णु से लेने हेतु ब्रह्मदेव का कठोर तप करके उनसे अजय होने का वरदान प्राप्त कर स्वर्ग पर अधिपत्य स्थापित कर तीनों लोको पर स्वामित्व बना लिया। हिरण्यकशिपु अपनी शक्ति के अहंकार में प्रजा पर भी अत्याचार करने लगा। हिरण्यकशिपु की पत्नी कयाधु ने देवऋषि नारद के आश्रम में पुत्र प्रह्लाद को जन्म दिया। प्रह्लाद पिता के स्वभाव से पूर्णतः विरोधाभासी था। प्रह्लाद बाल्यकाल से ही विष्णु भक्त था। हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद का मन विष्णु भक्ति से हटाने का बहुत प्रयास किया परंतु असफल रहा। क्रोधित हिरण्यकशिपु ने एक द्वार से सटे खंबे से प्रह्लाद को बांधकर खंबे पर अपने गदा से प्रहार किया। तभी खंभे को चीरकर भगवान नृसिंह ने प्रकट होकर हिरण्यकशिपु को अपने जांघो पर रख उसकी छाती को नखो से फाड़ कर उसका वध करके भक्त प्रहलाद की रक्षा करके उसे वरदान दिया। जो इस दिन भगवान नृसिंह के निमित व्रत, पूजन व उपाय से सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, समस्त दुखों का निवारण होता है तथा दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है। 


विशेष पूजन विधि: घर के दक्षिण में लाल वस्त्र पर नरसिंह या विष्णु का चित्र स्थापित करके पंचोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गुग्गुल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर व लाल चंदन चढ़ाएं, गुड़ गेहूं से बने हलवे का भोग लगाएं व एक माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग को पीपल के नीचे रख दें। 


पूजन मंत्र: ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥


पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:10 से दिन 12:10 तक। 


आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त:
दिन 12:11 से दिन 12:56 तक।
आज का अमृत काल: रात 22:02 से रात 23:29 तक।
आज का राहु काल: दिन 15:24 से शाम 16:50 तक।
आज का गुलिक काल: दिन 12:34 से दिन 13:59 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 09:43 से प्रातः 11:08 तक।


यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल उत्तर व राहुकाल वास पश्चिम में है। अतः उत्तर व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।


आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
लाल।
आज का गुडलक दिशा: दक्षिण।
आज का गुडलक मंत्र: ॐ नरसिंहाय नमः॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 19:25 से रात 20:25 तक।


आज का बर्थडे गुडलक: सर्व मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु भगवान नरसिंह पर चढ़ा शहद विप्र को दान करें।


आज का एनिवर्सरी गुडलक: समस्त दुखों के नाश हेतु लाल वस्त्र में बंधा नारियल भगवान नरसिंह पर चढ़ाएं।


गुडलक महागुरु का महा टोटका: दुर्घटनाओं से सुरक्षा हेतु 8 नींबू पर सिंदूर लगाकर भगवान नरसिंह पर चढ़ाएं।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


 

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