भविष्य को जानने की अद्भुत शक्ति होती है God gift, इस विधि से करें जागृत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 07:31 AM

have a wonderful power to know the future

ज्योतिष विद्या में हस्तरेखा का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। कुछ लोगों के पास भविष्य जानने की अद्भुत शक्तियां जन्म से ही रहती हैं। इन शक्तियों से उन्हें भूतकाल और वर्तमान के साथ ही भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है, जिसे छठी...

ज्योतिष विद्या में हस्तरेखा का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। कुछ लोगों के पास भविष्य जानने की अद्भुत शक्तियां जन्म से ही रहती हैं। इन शक्तियों से उन्हें भूतकाल और वर्तमान के साथ ही भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है, जिसे छठी इंद्रिय कहा जाता है। ऐसे लोगों की छठी इंद्रिय सक्रिय रहती है। कुछ लोग विशेष साधना से छठी इंद्रिय को जागृत कर लेते हैं। अद्भुत शक्ति वाले लोगों की हथेलियों में निशान त्रिभुज और चतुर्भुज की तरह दिखाई देते हैं।


यदि किसी व्यक्ति की हथेली में शनि पर्वत पर क्रॉस का निशान हो एवं मस्तिष्क रेखा भी साफ-सुथरी हो तो व्यक्ति को पूर्वाभास हो सकता है।


हथेली के शनि पर्वत यानी मध्यमा उंगली के नीचे वाले भाग पर त्रिभुज या चतुर्भुज का चिह्न बना हो तो व्यक्ति को पूर्वाभास होता है।


यदि किसी व्यक्ति की हथेली के गुरु पर्वत यानी तर्जनी उंगली के नीचे वाले भाग पर त्रिभुज या चतुर्भुज बना हुआ दिखाई देता है, तो ऐसे जातक को भी भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत दिखाई देते हैं।


जिन लोगों की हथेली का शनि पर्वत पुष्ट हो एवं सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा से जुड़ जाए तो ऐसे लोगों को भी आने वाले समय का पूर्वाभास हो जाता है।


कहां होती है सूर्य रेखा 
अनामिका उंगली के नीचे वाले भाग पर जो रेखा होती है, उसे सूर्य रेखा कहते हैं। अनामिका उंगली को सूर्य की उंगली भी कहा जाता है। यदि हथेली के चंद्र पर्वत यानी अंगूठे के दूसरी ओर हथेली के अंतिम भाग पर त्रिभुज या चतुर्भुज का निशान हो, तो व्यक्ति को पूर्वाभास होता है।


यदि किसी व्यक्ति के हाथों में शनि पर्वत यानी मध्यमा उंगली के नीचे वाले पर्वत पर क्रॉस का निशान हो एवं मस्तिष्क रेखा भी साफ-सुथरी हो, तो व्यक्ति को पूर्वाभास होता है। ऐसे व्यक्ति को भविष्य में होने वाली घटनाओं का पहले से ही आभास हो जाता है।


जिन लोगों के हाथों में ऐसे निशान होते हैं, उनके पास विशेष शक्ति होती है। इस शक्ति से उन्हें पूर्वाभास होने लगता है। कई बार ग्रहों की स्थिति बदलने के बाद ये निशान मिट भी जाते हैं। तब ये शक्तियां भी असर दिखाना बंद कर देती हैं।


जिन लोगों को अपनी छठी इंद्रिय जागृत करनी है, उन्हें प्रतिदिन योग और ध्यान करना चाहिए। जैसे-जैसे व्यक्ति योग और ध्यान में पारंगत होता जाएगा, वैसे-वैसे उसकी छठी इन्द्रिय को बल मिलने लगेगा और पूर्वाभास होना प्रारंभ हो जाएगा। इस कार्य में समय अधिक लगता है क्योंकि ध्यान पूरी एकाग्रता के साथ किया जाना चाहिए। जब ध्यान किया जाए तब मन में कोई विचार नहीं होना चाहिए। चित्त पूरी तरह से शांत होना चाहिए। 

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!