जन्म के माह अनुसार रत्नों को करें धारण, फिर होने लगेंगे Unexpected Miracles

Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 01:27 PM

holding the jewels according to birth month then see miracles

रत्नों का चमत्कार  जब आस्ट्रल ऊर्जा से भरपूर रत्न धारण किए जाते हैं तो यह अपना चमत्कार दिखाते हैं। व्यक्ति के जीवन को पलट कर रख देते हैं। राजा को रंक व रंक को राजा बना देते हैं। अपनी शक्ति बढ़ाने के

रत्नों का चमत्कार 
जब आस्ट्रल ऊर्जा से भरपूर रत्न धारण किए जाते हैं तो यह अपना चमत्कार दिखाते हैं। व्यक्ति के जीवन को पलट कर रख देते हैं। राजा को रंक व रंक को राजा बना देते हैं। अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए देवी-देवता व राक्षस इनको धारण करते थे। कलयुग में भी इनका बहुत महत्व देखा गया। राजा-महाराजाओं व रानियों-महारानियों ने भी इन रत्नों को अपने आभूषणों व मुकुटों पर धारण किया। आज के युग में भी बड़ी-बड़ी हस्तियां अपनी हैसियत के अनुसार इनको धारण करते हैं। यदि ये माफिक न आए तो जीवन नष्ट-भ्रष्ट कर देते हैं। आज भी लंदन के संग्रहालय में एक ऐसा हीरा व नीलम रखा है जिसने कई हस्तियों को बर्बाद कर दिया। जिसने भी उस हीरे या नीलम को पहना बस उसकी बर्बादी शुरू हो गई और उसने उसकी मौत तक उसका पीछा नहीं छोड़ा।


जन्म के माह अनुसार रत्नों को धारण करना 
20 मार्च से 21 अप्रैल में जन्मे व्यक्तियों के लिए : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘मेष’ है जिसका स्वामी मंगल है और मंगल का रत्न मूंगा है। इसलिए ये व्यक्ति मूंगा धारण कर सकते हैं।


22 अप्रैल से 20 मई : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘वृष’ है जिसका स्वामी ‘शुक्र’ है और शुक्र का रत्न हीरा है। इसलिए ये व्यक्ति हीरे की अंगूठी धारण कर सकते हैं।


21 मई से 20 जून : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘मिथुन’ है जिसका स्वामी बुध है और बुध का रत्न ‘पन्ना’ है। इसलिए ये व्यक्ति पन्ने धारण कर सकते हैं।


21 जून से 20 जुलाई : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘कर्क’ है जिसका स्वामी चंद्र है और चंद्र का रत्न मोती है। इसलिए ये व्यक्ति मोती या चंद्रमणि धारण कर सकते हैं।


21 जुलाई से 20 अगस्त : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘सिंह’ है जिसका स्वामी सूर्य और रत्न ‘मणिक’ है। इसलिए ये व्यक्ति मणिक धारण कर सकते हैं।


21 अगस्त से 20 सितम्बर : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘कन्या’ है जिसका स्वामी बुध है और रत्न ‘पन्ना’ है। इसलिए इस समय अवधि में जन्मे व्यक्ति पन्ना धारण कर सकते हैं।


21 सितम्बर से 20 अक्तूबर : समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘तुला’ है जिसका स्वामी शुक्र और रत्न हीरा है। इसलिए इस समय अवधि में जन्मे व्यक्ति हीरा धारण कर सकते हैं।


21 अक्तूबर से 20 नवम्बर : इस समय के बीच पैदा हुए व्यक्तियों का लग्न ‘वृश्चिक’ स्वामी मंगल ग्रह है। यहां पर मंगल नीच का होने के कारण मूंगा न पहनें, इसके स्थान पर लाल रंग का ‘कारनीलाइन’ पहनें।


21 नवम्बर से 20 दिसम्बर : इस समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘धनु’ है जिसका स्वामी बृहस्पति और रत्न पुखराज है। इसलिए इस समय में पैदा हुए लोगों को पुखराज धारण करना चाहिए।


21 दिसम्बर से 20 जनवरी : इस समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न मकर है जिसका स्वामी शनि है, लेकिन यहां पर शनि का रत्न नीलम पहनना हानिकारक है, हीरा पहनना लाभदायक है, इसलिए हीरा धारण कर सकते हैं।


21 जनवरी से 18 फरवरी : इस समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न ‘कुंभ’ व स्वामी शनि, राहु है लेकिन ये शनि रत्न नीलम व कुंभ रत्न गोमेद को धारण न करें, यह इनके लिए लाभदायक नहीं। यह हीरा या पन्ना धारण कर सकते हैं। ये इनके लिए लाभदायक हैं।


19 फरवरी से 19 मार्च: इस समय अवधि में जन्मे व्यक्तियों का लग्न मीन व स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति रत्न पुखराज इनके लिए लाभदायक है, इसलिए ये पुखराज धारण कर सकते हैं।

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