घर में रहता है नरक सा माहौल, थोड़ी सी सूझ-बूझ से बनाएं उसे मंदिर

Edited By ,Updated: 01 Nov, 2016 12:14 PM

home  hell

घर बना मंदिर... एक समय की बात है, मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। अपार धन-सम्पत्ति पाकर उसका मन अहंकार से भर गया। उसके बाद से वह

घर बना मंदिर...
एक समय की बात है, मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। अपार धन-सम्पत्ति पाकर उसका मन अहंकार से भर गया। उसके बाद से वह अपने अधीनस्थों से अहंकारपूर्ण व्यवहार करने लगा।


व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसको देखते हुए उसके परिवार वाले भी अहंकार के वशीभूत हो गए किन्तु जब सभी के अहंकार आपस में टकराने लगे तो घर का वातावरण नरक की तरह हो गया। वह व्यापारी दुखी होकर एक दिन भगवान बुद्ध के पास पहुंचा और याचना करके बोला, ‘‘भगवन्! मुझे इस नरक से मुक्ति दिलाइए। मैं भी भिक्षु बनना चाहता हूं।’’


भगवान बुद्ध ने गम्भीर स्वर में कहा, ‘‘अभी तुम्हारे भिक्षु बनने का समय नहीं आया है।’’ 


बुद्ध ने कहा, ‘‘भिक्षु को पलायनवादी नहीं होना चाहिए। जैसे व्यवहार की अपेक्षा तुम दूसरों से करते हो, स्वयं भी दूसरों के प्रति वैसा ही व्यवहार करो। ऐसा करने से तुम्हारा घर भी मंदिर बन जाएगा।’’


घर जाकर उस व्यापारी ने भगवान बुद्ध की सीख को अपनाया और घर का वातावरण स्वत: बदल गया। अब सब अपने-अपने अहंकार को भूलकर एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहने लगे। शीघ्र ही घर के दूषित वातावरण में नया उल्लास छा गया। 


सीख: दूसरों के साथ आप ऐसा व्यवहार न करो जो तुम्हें अपने लिए पसंद नहीं। अहंकार से हमेशा दूर रहने में ही इंसान की भलाई है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!