Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 08:49 AM
दूसरे महायुद्ध के समय केन नाम का अमरीकी फौजी बुरी तरह से घायल हो गया। डॉक्टरों को उसके दोनों पैर और हाथ की एक उंगली काटनी पड़ी। इसी बीच उसकी दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई। जिस डॉक्टर ने केन की जान बचाने के लिए ऑप्रेशन किया था
दूसरे महायुद्ध के समय केन नाम का अमरीकी फौजी बुरी तरह से घायल हो गया। डॉक्टरों को उसके दोनों पैर और हाथ की एक उंगली काटनी पड़ी। इसी बीच उसकी दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई। जिस डॉक्टर ने केन की जान बचाने के लिए ऑप्रेशन किया था, वह उसकी इस दयनीय हालत से बहुत दुखी रहने लगा। दिन-रात वह उसी फौजी के बारे में सोचता रहता। डॉक्टर के दिमाग में यही चलता रहता कि वह अपनी उम्र कैसे और किसके सहारे गुजारेगा। अभी तो वह सिर्फ 20 वर्ष का है।
आखिरकार एक दिन फौजी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। एक दिन वर्षों बाद वह डॉक्टर से मिलने उनके घर जा पहुंचा। केन डॉक्टर से मिलकर बहुत खुश हुआ। उसने डॉक्टर को बताया कि जिस दिन उसे छुट्टी मिली, उस दिन उसका 20वां जन्म दिन था। वह जान चुका था कि उसके शरीर की क्या हालत है, पर वह जीवित रहना चाहता था।
इसके बाद की कहानी उसकी पत्नी थेरेसा ने सुनाई, ‘‘युद्ध से लौटकर आने के बाद मैं इनसे पहली बार एक म्यूजिक प्रोग्राम में मिली। इनका यह गुण मुझे बहुत अच्छा लगा कि यह किसी भी परिस्थिति में ईश्वर को याद करके खुश रह सकते हैं। विवाह के बाद इन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा भी पास कर ली और धीरे-धीरे लकड़ी का काम भी सीख लिया।’’
दरअसल हर हाल में संतुष्ट रहना ही जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि है। अगर सब कुछ होते हुए भी किसी इंसान की जिंदगी में संतुष्टि नहीं है तो वह व्याकुल ही रहता है। ईश्वर हमारे एकदम करीब होता है लेकिन हम उसे भुला देते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जिस दिन जीवन की अनमोलता का बोध हमें हो जाएगा, उस दिन हमें जिंदगी से असली प्यार हो जाएगा। तब हम खुश रहना सीख जाएंगे।
अक्सर हम अपनी समस्याओं को लेकर चिंतित रहते हैं और यह भूल जाते हैं कि हम पर विधाता की कितनी कृपा है। जिस दिन इस कृपा को समझ लेंगे, उस दिन जीवन आनंद से भर जाएगा। यह तो एक स्वाभाविक बात है कि जब आप अच्छा महसूस करते हैं तो आप मुस्कराते हैं, अंदर की खुशी प्रकट होती है। अंदर की खुशी हमेशा बरकरार रहे, इसके लिए जीवन में उत्साह होना जरूरी है।