26 जनवरी को शनि करेंगे राशि परिवर्तन, जानें क्या है साढ़ेसाती और कैसे डालेगी प्रभाव

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 11:25 AM

impact of sade sati

​​​​​​​क्या है साढ़ेसाती 26 जनवरी, 2017 को शनि राशि परिवर्तन कर रहा है। इससे पहले जानें क्या है साढ़ेसाती और कैसे डालती है ये प्रभाव। मनुष्य हो या देवता एक बार प्रत्येक व्यक्ति को शनि का साक्षात्कार अवश्य होता है।

क्या है साढ़ेसाती
26 जनवरी, 2017 को शनि राशि परिवर्तन कर रहा है। इससे पहले जानें क्या है साढ़ेसाती और कैसे डालती है ये प्रभाव। मनुष्य हो या देवता एक बार प्रत्येक व्यक्ति को शनि का साक्षात्कार अवश्य होता है। यदि जन्म पत्रिका में शनि की स्थिति अनुकूल हो तो यही शनि ग्रह हानि की जगह लाभ देता है। शुभ स्थिति में यही शनि भौतिक समृद्धि का कारण बनता है यहां तक कि कई व्यक्ति इसी समय नया व्यवसाय प्रारंभ कर सम्पन्न बन जाते हैं। सूर्य एक राशि पर एक महीना, चंद्रमा सवा दो दिन, मंगल डेढ़ महीना, गुरु तेरह महीना, बुध और शुक्र एक महीना, राहू और केतु उल्टे चलते हुए केवल 18 महीने एक राशि में रहते हैं परन्तु शनि एक राशि पर तीस महीने तक रहता है। 


बड़े-बड़े देवताओं तक को शनि ने भीषण दुख दिए हैं। जब श्री राम को साढ़ेसाती आई तो वनवास हो गया, रावण पर साढ़ेसाती आई तो राम-लक्ष्मण ने सेना लेकर लंका पर चढ़ाई कर दी और रावण के कुल का विनाश कर दिया। जब द्रौपदी पर शनि की साढ़ेसाती आई तो उसकी बुद्धि को भ्रमित कर बुरे वचन कहलवाए जिसके कारण पांडवों को वनवास भोगना पड़ा।


सामान्यत: शनि की साढ़ेसाती अत्यधिक अशुभ और कष्टप्रद समझी जाती है परन्तु पूरे साढ़े सात वर्ष एक जैसे व्यतीत नहीं होते। शनि के अशुभ फल का कारण यह है कि जब वह जन्म राशि के द्वादश स्थान में होता है तो वह अपनी पूर्ण तृतीय दृष्टि से बुरा प्रभाव धन स्थान अर्थात द्वितीय भाव पर डालता है और अपनी पूर्ण दशम दृष्टि का प्रभाव जन्म राशि से भाग्य स्थान पर भी डालता है जिससे उस जातक के धन और भाग्य का नाश हो जाता है। इसीलिए शनि का प्रकोप मनुष्य के लिए बहुत कष्टप्रद सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त क्योंकि शनि स्वयं द्वादश स्थान में स्थित है और लग्र से अगले भाव अर्थात द्वितीय भाव पर दृष्टिपात करने से दोनों भावों पर पाप प्रभाव हो जाता है और इस कारण लग्र को भी हानि पहुंचती है अर्थात लग्र पीड़ित होता है। लग्र की हानि का अर्थ है जातक का स्वास्थ्य ठीक न रहना तथा धन तथा मान आदि की हानि। इस प्रकार शनि की साढ़ेसाती के पीछे जो डर एवं भय छिपा हुआ है उसका मूल कारण शनि का जन्म राशि पर उससे द्वितीय तथा नवम भाव पर कुप्रभाव है।


भारतीय ज्योतिष के अनुसार साढ़ेसाती की अवधि में व्यक्ति के पांव में पीड़ा होती है और सिर में दर्द होता है। धन का नाश, पुत्रों को कष्ट तथा अपमान आदि भी होता है। द्वादश भाव कुंडली में अंतिम भाव होने से पांव का प्रतिनिधि होता है इसलिए पांव में दर्द होता है। यह भाव पुत्र भाव से अष्टम भाव है अत: पुत्र की आयु और स्वास्थ्य से इसका घनिष्ठ संबंध है। अत: पुत्रों के कष्ट के बारे में विवरण है। द्वितीय भाव तथा लग्र धन के तथा मान के द्योतक हैं इसलिए धन तथा मान की हानि होती है।


सबसे पहले हमें यह भली प्रकार समझ लेना चाहिए कि साढ़ेसाती किस प्रकार आती है अथवा सामान्य जन इसे किस प्रकार समझ सकते हैं। जातक की कुंडली में अर्थात जन्म चक्र में साढ़ेसाती का संबंध चंद्रमा अथवा चंद्र कुंडली से होता है। चंद्र राशि नक्षत्र पर आधारित होती है। जन्म कुंडली में चंद्रमा लगभग सवा दो दिन में एक राशि भ्रमण करता है। वहीं शनि एक राशि पर अढ़ाई वर्ष तक रहता है। जन्म कालिक चंद्रमा के पड़ोस में गोचर वशात परिभ्रमण करते हुए जब शनि आता है तब उस जातक को साढ़ेसाती का प्रारंभ हो जाता है। अढ़ाई वर्ष तक उसी राशि में रह कर अढ़ाई वर्ष चंद्रमा के साथ तथा अगले अढ़ाई वर्ष तक चंद्रमा से दूसरी ओर अर्थात चंद्रमा स्थित राशि से अगली राशि में अढ़ाई वर्ष तक शनि रहेगा। इस प्रकार अढ़ाई-अढ़ाई -अढ़ाई अर्थात साढ़े सात वर्ष तक साढ़ेसाती रहती है। इसके द्वारा स्पष्ट किया जाता है। एक जातक का अनुराधा नक्षत्र का जन्म है अर्थात वृश्चिक राशि हुई। अत: शनि जब भी गोचर भ्रमण करते हुए तुला राशि पर आएगा तब उसे साढ़ेसाती प्रारंभ होगी। अढ़ाई वर्ष तुला में रहकर अगले अढ़ाई वर्ष चंद्रमा के साथ तथा शेष अगले अढ़ाई वर्ष धनु राशि में शनि के रहने तक जातक शनि की साढ़ेसाती में रहेगा। इस प्रकार तीन राशि को साढ़ेसाती सदैव रहेगी। कुल जनसंख्या के चौथे भाग को सदैव साढ़ेसाती रहती है।


साढ़ेसाती के लिए चंद्र कुंडली अर्थात राशि की प्रधानता रहती है। इसमें लग्र से कोई तात्पर्य नहीं रहता है। साढ़ेसाती का प्रभाव सिर, मध्य भाग एवं पैरों पर क्रमश: तीन भाग में अढ़ाई-अढ़ाई वर्ष तक रहता है। यही कारण है कि जनसाधारण कहता है कि शनि पैरों पर है, शनि उतर रहा है या शनि चढ़ रहा है आदि।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!