इस पाठ से भगवान शंकर के साथ श्रीगणेश भी करेंगे दुखों का निवारण

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 01:20 PM

importance of shiv chalisa

समस्त ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने वाले, पालने वाले एवं संहार करने वाले भगवान सदा शिव की महिमा तो वेद-पुराण भी नहीं कर सकते।

समस्त ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने वाले, पालने वाले एवं संहार करने वाले भगवान सदा शिव की महिमा तो वेद-पुराण भी नहीं कर सकते। केवल भगवान शंकर ही एेसे देव हैं जो मानव और दानव दोनों के ईष्ट देव हैं। भगवान शिव की स्तुतियों में शिव चालीसा श्रेष्ठ और कल्याणकारी मानी गई है। श्री शिव चालीसा का पाठ करने व सुनने से घर में सुख-शांति, धन, वैभव, भक्ति और प्रेम की वृद्धि होती है। जैसे भगवान शिव किसी एक जाति व धर्म के नहीं बल्कि पूरे समाज के हैं। वैसे ही शिव चालीसा और शिव स्तुति का अधिकार पूरे मानव समाज को है। केवल बिल्व पत्र और जल धारा से प्रसन्न होने वाले भोले बाबा की शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा से व्यक्ति को सारे दुखों से मुक्ति अौर अपार सुख की प्राप्ति होती है।

 

सोमवार के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर सुबह-सुबह शिव चालीसा का पाठ करने से मन की हर कामना पूर्ण होती है। 

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इस दिन मंदिर में जाकर शिव चालीसा का पाठ करने से भोलेनाथ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीष देते हैं। 

 

शिव चालीसा का पाठ करने से भोलेनाथ के साथ श्रीगणेश भी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के समस्त दुखों अौर भय का नाश कर सुख प्रदान करते हैं।

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भगवान् शंकर की अराधना करने वाले भक्तों को मृत्यु का भय नहीं सताता। यहां तक की शिव का सच्चा उपासक मृत्यु के मुंह से भी सकुशल निकल आता है।

 

शिव चालीसा का मंत्र “ॐ नमः शिवाय” शिव जी की अराधना में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाला मंत्र हैं। 

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चालीसा के पाठ से मनोबल मजबूत होता है, परेशानियों का सामना करने की शक्ति मिलती है। 

 

संतान आदि से प्रेम बढ़ता है और अच्छे कामों में प्रवृत्ति होने लगती है।

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