साल के सबसे अशुभ समय में मोदी का किया ये काम, क्या होगा सफल?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 03:13 PM

inauguration of bullet train in pitru paksha

बुलेट ट्रेन को लेकर पूरे देश में हलचल मची हुई है। विपक्षी दलों ने बुलेट ट्रेन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा हुआ है। गौरतलब है की बुलेट ट्रेन परियोजना की लागत 1.10 लाख करोड़ रु है जिसमें 88 हजार करोड़ रु का कर्ज भारत

बुलेट ट्रेन को लेकर पूरे देश में हलचल मची हुई है। विपक्षी दलों ने बुलेट ट्रेन को लेकर भाजपा पर निशाना साधा हुआ है। गौरतलब है की बुलेट ट्रेन परियोजना की लागत 1.10 लाख करोड़ रु है जिसमें 88 हजार करोड़ रु का कर्ज भारत जापान से ले रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बहुप्रतीक्षित व सबसे ज्यादा चर्चित प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ ऐसे समय में रख दी है जिसे किसी भी लिहाज से धार्मिक व शास्त्रीय तौर पर ठीक नहीं माना जा सकता। बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला का समय संपूर्णता से अशुद्ध और अशुभ है आइए जानते हैं क्यों ..... ??


धार्मिक शास्त्रों के मतानुसार वैदिक मनीषियों ने एक वर्ष में संपादित 24 पक्षों में से एक पक्ष को मृत पूर्वजों के लिए सुरक्षित रखकर उसे पितृपक्ष का नाम दिया है। यह पक्ष है आश्विन माह का कृष्ण पक्ष अर्थात श्राद्धपक्ष। शास्त्रनुसा पितृपक्ष के 16 दिनो का काल पितृ के निमित श्राद्धकर्म, अर्घ्य, तर्पण व पिंडदान हेतु समर्पित है। आश्विन माह का कृष्ण पक्ष मूलतः मृत पितृगण की आत्मा को मुक्ति व शांति प्रदान करने हेतु विशिष्ट कर्मकाण्ड है। जिसे श्राद्ध कहा जाता है। मूलतः पितृपक्ष पूर्वजों की मरण तिथि है। सनातन धर्म में किसी सगे-संबंधी की मृत्यु होने पर पातक लगता है मूलतः यह अशुद्ध काल है जिसे शास्त्रों नें अशौच कहकर संबोधित किया है। पातक का संबंध मृत्यु के निमित हुई अशुद्धि से है। 


पितृपक्ष में मृत पूर्वजों की आत्मा अपने वंशजों के पास आकर उनके घर निवास करती है। इसी कारण पितृपक्ष के 16 दिन अशुभ व अशुद्ध माने जाते हैं। मूलतः यह 16 दिवसीय पातक काल है, इसी कारण इन 16 दिनों में हर शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। शास्त्र यह भी कहते हैं की इन दिनों नए वस्त्र भी नहीं खरीदने चाहिए। किसी भी प्रकार के नए काम की शुरुआत इन दिनों करने पर मनाही है। इन दिनो में घर में बच्चों का जन्मदिन भी नहीं मानना चाहिए क्योंकि अपने परिजनों की मृत्यु पर कैसे खुशी मनाई जा सकती है। कुल मिलाकर बुधवार दिनांक 06.09.17 के पूर्णिमा श्राद्ध से बुधवार दिनांक 20.09.17 सर्वपितृ आश्विन अमावस्या तक पितृपक्ष के यह 16 अशुद्ध दिन किसी भी तरह से शुद्ध व शुभ नहीं हैं। 


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गुरुवार दि॰ 14.09.17 को लगभग प्रातः 10 घ॰ 30 मि॰ पर अहमदाबाद के साबरमती में बुलेट ट्रेन की आधार शिला रखी। अब सोचने योग्य बात है की जहां श्राद्धपक्ष में नए कपड़े खरीद कर इस्तेमाल करना तक वर्जित है वहां भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जाने वाली बुलेट ट्रेन की आधारशिला जैसा मांगलिक कार्य साल के सबसे अशुद्ध व अशुभ समय में करना धार्मिक व शास्त्रीय दृष्टि से कितना उचित है। शास्त्रनुसार गुरुवार दि॰ 14.09.17 को नवमी तिथि थी जिसे रिक्ता, शून्य, या तुच्छ कहा जाता है। इस दिन रोदन तुल्य राहु का नक्षत्र आर्द्रा था जो किसी भी दृष्टि से शुभ नहीं है। इसी के साथ ही संशयात्मक व्यतिपात योग भी विद्यमान था। यह योग हमेशा ही संशय पैदा करता है।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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