कल आधी रात से शुरू हुआ अशुभ नक्षत्रों का दौर, 19 मार्च तक रहें सतर्क

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 08:41 AM

inauspicious constellation started from midnight

पंचक नक्षत्रों में हानि, लाभ एवं कष्ट आदि 5 गुणा होते हैं जबकि त्रिपुष्कर में तीन गुणा और द्विपुष्कर में दोगुणा होने के संकेत हैं। प्रत्येक महीने में 5 दिनों तक पंचक रहती हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार इन 5 दिनों में कई कार्य करने निषेध माने गए हैं।...

पंचक नक्षत्रों में हानि, लाभ एवं कष्ट आदि 5 गुणा होते हैं जबकि त्रिपुष्कर में तीन गुणा और द्विपुष्कर में दोगुणा होने के संकेत हैं। प्रत्येक महीने में 5 दिनों तक पंचक रहती हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार इन 5 दिनों में कई कार्य करने निषेध माने गए हैं। कल रात यानि 14 मार्च, बुधवार को आधी रात 03.54 से पंचक का आरंभ हो गया है। जिसकी प्रधानता आने वाले 5 दिन तक रहेगी। 19 मार्च, सोमवार को रात 08.27 पर इसका प्रभाव समाप्त होगा।  

 
इन दिनों में लकड़ी काटना, चारपाई बनवाना, दक्षिण दिशा की यात्रा करना, दुकान, मकान आदि की छत्त बनवाना, चटाई आदि बुनना, बैठने वाली गद्दियों का निर्माण कराना आदि कार्य करने निषेध माने गए हैं। इन दिनों में दुकान अथवा व्यापार के लिए नए सामान के आर्डर आदि भी नहीं दिए जाते। इन दिनों में दाहसंस्कार आदि के लिए भी ब्राह्मण अथवा विद्वानों के निर्देशानुसार पंचक शांति करवाने का विधान है। 

 
इन दिनों में विधिवत नक्षत्र पूजा करना, ब्राह्मणों को भोजन कराना, दान देना उत्तम कर्म है। वृहद ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, उत्तराभाद्र व रेवती नक्षत्र सभी कार्यों के लिए शुभ एवं सिद्घिदायक और भाद्र एवं शतभिषा नक्षत्र साधारण रुप से कार्यसिद्घि कारक माने गए हैं, फिर भी हमारे मुहूर्त ग्रंथों में विवाह, मुण्डन, गृह मुहूर्त, गृह  प्रवेश, रक्षा बंधन और भैय्या दूज आदि त्योहारों में पंचक नक्षत्रों के निषेध के बारे में कोई विचार नहीं किया जाता।  

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