जीवन में गौमाता के अभिशाप से बचने के लिए न करें ऐसा कार्य

Edited By ,Updated: 03 Dec, 2016 11:06 AM

inspirational story

हमारे पूर्वजों को सृष्टि के नियमों का सम्पूर्ण ज्ञान था। वह गाय के महत्त्व और उसके प्रति दुर्व्यवहार और शोषण के परिणामों से भी भली-भांति परिचित थे। वेदों में भी गाय

हमारे पूर्वजों को सृष्टि के नियमों का सम्पूर्ण ज्ञान था। वह गाय के महत्त्व और उसके प्रति दुर्व्यवहार और शोषण के परिणामों से भी भली-भांति परिचित थे। वेदों में भी गाय के महत्व का उल्लेख है। अथर्ववेद में कहा गया है : धेनु सदनाम् रईनाम ( 11.1.34) अर्थात गाय सभी प्रकार की समृद्धियों व उपलब्धियों का स्रोत है।’ 

 

गाय ही है जो मनुष्य को दूध और उससे बने उत्पाद प्रदान करती है। उसका गोबर ईंधन और खाद तथा उसका मूत्र औषधि और ऊर्वरक प्रदान करता है। जब बैल भूमि की जुताई करते हैं तो भूमि दीमक मुक्त हो जाती है। जब हम यज्ञ द्वारा दैविक शक्तियों से संपर्क करते हैं तो गाय का घी और उपला ही उपयोग में लाया जाता है। कहा जाता है कि जब गाय ने संत कबीर के ललाट को अपनी जिव्हा से स्पर्श किया था तो उनके भीतर असाधारण काव्य क्षमताएं जागृत हो गई थी।

 

गाय, समृद्धि और बहुतायत का प्रतीक है, वह सारी सृष्टि के लिए पोषण का स्रोत है, वह जननी है, मां है। गाय का दूध एक पूर्ण आहार है। जिसका अर्थ है उसके दूध में सम्पूर्ण पोषण है। उसके दूध में केवल उत्तम कोलेस्ट्रॉल है और इस बात से भी कोई अनजान नहीं कि गाय अपने प्रश्वास में ऑक्सीजन छोड़ती है जिससे पर्यावरण की मदद होती है तथा प्रदूषण कम  होता है।  

 

आज इस गोजातीय देवी पर अनगिनत अत्याचार हो रहे हैं और निर्दयता से इसका संहार हो रहा है। अकेले पश्चिम बंगाल की सीमा से प्रतिदिन बीस हज़ार गौवंश की तस्करी होती है, जिसके पश्चात हत्या करके उसका विषाक्त मांस दुनिया भर में भेजा जाता है। बीस हज़ार तो एक सामान्य सा आंकड़ा है, वरना साल में कुछ दिन तो ऐसे होते हैं जब गौमांस के लिए एक ही दिन में लगभग 1. 5 लाख गायों का वध किया जाता है।
 

किसी समय मंदिरों और महलों में पूजा जाने वाला यह जीव आज प्लास्टिक और अस्पताल तथा फैकटरियों से निकलते हुए मल का सेवन करके जीवित है। स्टेरॉयड और एंटी बायोटिक्स ने तो उसके दूध और मांस को विषाक्त कर ही दिया है साथ ही इन पदार्थों में गौमाता का श्राप भी निहित है। जब गाय दुःखी, डरी हुई या गुस्से में होती है या उसे उसके बछड़े से अलग किया जाता है तो उसके भीतर हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न हो जाता है और परिणामस्वरूप विषाक्त पदार्थ उसके शरीर में भर जाते हैं। जो भी उस दूध और मांस का सेवन करता है, उसके स्वास्थ्य पर उसका प्रतिकूल और घातक प्रभाव पड़ता है। 

 

मरी हुई गायों के शव परीक्षण से एक और अधिक भयानक तथ्य सामने आया कि जिन बूढ़ी, बीमार और आवारा गायों और बछड़ों को वध के लिए ले जाया जाता है, वह फैक्ट्रियों और अस्पतालों का कचरा और प्लास्टिक खा कर अपनी भूख मिटाती हैं। प्लास्टिक और अन्य संक्रामक कचरे से दूषित गायों का दूध या मांस सेवन मस्तिष्क क्षति, ह्रदय रोग, खराब गुर्दे, हार्मोनल असंतुलन, जिगर, तिल्ली, और आंतों के रोगों और कई मामलों में कैंसर पैदा करने के लिए माना जाता है।

 

प्राचीन ग्रंथों में गौमांस के सेवन पर प्रतिबंध था और उस प्रतिबंध का कारण केवल पशुओं के प्रति क्रूरता ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के महत्त्व से भी था। उसके मांस में मौजूद स्कंदक ( कोएगुलेनटस ) मनुष्य के खून को गाढ़ा कर देते हैं और ह्रदय की कार्यप्रणाली में बाधा उत्पन्न करते हैं। लक्ष्मी अस्पताल, कोचि के एम ० डी ० डॉ प्रसन प्रभाकर कहते हैं “ मैंने देखा है कि जो लोग गौमांस का सेवन करते हैं। उनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफ़ी अधिक होती है और वह अधिकतर’ सडन डैथ सिन्ड्रोम ‘ से ग्रस्त होते हैं जिसमें ह्रदय एकदम निष्क्रिय हो जाता है और व्यक्ति की मृत्यु  हो जाती है।"

 

हमारे पूर्वजों को गाय के महत्त्व और मूल्य का ज्ञान था इसलिए उन्होंने न ही उस पर अत्याचार किया और न ही उसके मांस का सेवन किया। सभी धर्म, कर्म की प्रधानता को स्वीकारते हैं, उसके नियमों को समझते हैं। उनके अनुसार हर क्रिया की एक बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है, अर्थात ‘जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल पाओगे।' जो गाय हमारा पालन-पोषण करती है, उसी पर अत्याचार करने के परिणाम कितने घातक हो सकते हैं वह अकल्पनीय हैं। 

 

हमारे शरीर पर तो इस घोर कर्म का तत्काल प्रभाव होता ही है किन्तु हमारे जीवन पर इसके दुष्परिणाम कुछ समय के बाद ही दिखाई पड़ते हैं। सत्य तो यह है कि पूरी मानव सभ्यता आज जिस पीड़ा और कष्ट से गुजर रही है वह वर्षों से हो रहे गौमाता के शोषण का ही प्रभाव है। मनुष्य धर्म का पालन करते हुए, ध्यान आश्रम के स्वयंसेवक नियमित रूप से सड़कों पर पड़ी घायल और बीमार गायों की चिकित्सा और पुनर्वास की व्यवस्था में निरन्तर संलग्न हैं। 

योगी अश्विनी जी
www.dhyanfoundation.com

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!