हनुमान मंदिर:नाभि से निकलता है जल, ग्रहण मात्र से रोगों व भूत-बाधाअों से मिलती है मुक्ति

Edited By ,Updated: 14 Mar, 2017 02:49 PM

jamsanwali temple

जाम नदी अौर सर्पा नदी के संगम स्थल पर नागपुर-छिंदवाड़ा रेड पर जामसांवली मंदिर स्थित है। यहां पर राम भक्त हनुमान जी विश्राम अवस्था

जाम नदी अौर सर्पा नदी के संगम स्थल पर नागपुर-छिंदवाड़ा रेड पर जामसांवली मंदिर स्थित है। यहां पर राम भक्त हनुमान जी विश्राम अवस्था में विराजमान हैं। शासकीय दस्तावेजों के अनुसार यह मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है। मंदिर की खास बात यह है कि यहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा की नाभि से जल निकलता है। भक्त इसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं। कई श्रद्धालु इस जल को अपने घर भी लेकर जाते हैं। कहा जाता है कि यहां पहुंचते ही भूत-बाधाअों से भी मुक्ति मिलती है। 


मान्यता के अनुसार यहां पूजन के साथ जल ग्रहण करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। लेकिन सवा महीने तक यहां रहकर कुछ नियमों का पालन करना होता है। इसके साथ ही विशेष तिथियों पर होने वाले अनुष्ठानों में शामिल होने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि यहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा पहले खड़ी अवस्था में थी। कुछ चोरों को पता चला कि इस प्रतिमा के नीचे अपार धन है ते उन्होंने हनुमान जी की मूर्ति यहां से हटाने का प्रयास किया। इसी दौरान यह प्रतिमा अपने अाप विश्राम अवस्था में यहां लेट गई। लोगों ने इस प्रतिमा को कई बार खड़ा करने का प्रयास किया लेकिन असफल हुए। वहीं पौराणिक कथा के अनुसार रामायण काल में हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते समय जामसांवली में इसी पीपल के नीचे आराम करने के लिए रुके थे। 

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