Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 07:59 AM
कल दि॰ 08.01.18 को माघ कृष्ण की प्रदोष व्यापीनी अष्टमी को सोम कालाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महादेव के रुद्रावतार भैरव की पूजा का विधान है। नारद पुराण के अनुसार कालाष्टमी के दिन भैरव व दुर्गा पूजन किया जाता है।
कल दि॰ 08.01.18 को माघ कृष्ण की प्रदोष व्यापीनी अष्टमी को सोम कालाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महादेव के रुद्रावतार भैरव की पूजा का विधान है। नारद पुराण के अनुसार कालाष्टमी के दिन भैरव व दुर्गा पूजन किया जाता है। और इस दिन कुत्ते को भोजन करवाना शुभ बहुत होता है। पौराणिक मतानुसार ब्रह्मा व विष्णु के बीच श्रेष्ठ होने का विवाद उत्पन्न हुआ। विवाद के समाधान हेतु देव व मुनि महादेव के पास पहुंचे। सभी ने सहमति से महादेव को श्रेष्ठ माना। परंतु ब्रह्मदेव इससे सहमत नही हुए व उन्होंने महादेव का अपमान कर दिया। इस पर महादेव के क्रोध से भैरव का जन्म हुआ। श्वान पर सवार भैरव के हाथ में दंड था। इसी कारण उन्हें दण्डाधिपति कहते हैं। भैरव के अत्यंत भयंकर रूप को देखकर भयभीत ब्रह्मदेव ने महादेव व भैरव की वंदना की। सोम कलाष्टमी पर क्षीर खंडक भैरव के पूजन का विधान है। क्षीर खंडक भैरव का पूजन गाय के दूध से किया जाता है। इस दिन क्षीर खंडक भैरव के विधि-वत व्रत, पूजन व उपाय से मनोविकार से मुक्ति मिलती है, संपत्ति से लाभ मिलता है व पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिलती है।
पूजन विधि: प्रदोषकाल में सफेद वस्त्र पर भैरव का चित्र स्थापित कर विधि-वत पूजन करें। सरसों तेल का चौमुखी दीपक जलाएं, गुग्ल धूप करें, चंदन से तिलक करें, सफेद कनेर के फूल चढ़ाएं। गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। किसी माला से इस विशेष मंत्र का यथासंभव जाप करें। खीर किसी कुत्ते को डालें।
पूजन मुहूर्त: शाम 17:03 से शाम 18:03 तक।
पूजन मंत्र: श्रीं क्षीर भैरवाय नमः॥
उपाय
संपत्ति से लाभ हेतु भैरव पर जायफल अर्पित करें।
गृहक्लेश से मुक्ति हेतु भैरव पर अर्पित मौली घर के मेन गेट पर बांधें।
मनोविकार से मुक्ति हेतु भैरव पर अर्पित 4 इमरती कुत्तों को खिलाएं।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com