Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 03:35 PM
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया।
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया।
सदियां गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियां प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन और जीवानानुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्देश्य से अभिव्यक्त किया।
"चाणक्य नीति" आचार्य चाणक्य की नीतियों का अद्भुत संग्रह है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना वह दो हजार चार सौ साल पहले था, जब इसे लिखा गया था।
ज्ञानवतामपि दैवमानुषदोषत् कार्याणि दुष्यन्ति।
भावार्थ: ज्ञानियों के कार्य भी भाग्य तथा मनुष्यों के दोष से दूषित हो जाते हैं। इस सूत्र का भाव यही है कि कभी-कभी ज्ञानी व्यक्तियों द्वारा किए गए कुछ विशिष्ट कार्य उनके दुर्भाग्य से या फिर उनके अपने कार्यों के दोष के परिणामस्वरूप नष्ट हो जाते हैं।