Karva Chauth: करवा चौथ व्रत की पारम्परिक विधि के साथ जानें इससे जुड़ी प्रथाएं

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Oct, 2023 08:42 AM

karva chauth traditional method of fasting

सुहागिनें इस दिन सूर्योदय से पहले सुबह चार बजे के करीब शिव-परिवार की पूजा करके व्रत का संकल्प लेती हैं। वे नहा-धोकर सबसे

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Karva Chauth 2023: सुहागिनें इस दिन सूर्योदय से पहले सुबह चार बजे के करीब शिव-परिवार की पूजा करके व्रत का संकल्प लेती हैं। वे नहा-धोकर सबसे पहले सासू मां के लिए बया निकालती हैं। ‘बया’ यानी एक थाली में फल, मिठाई, नारियल, कपड़े और सुहाग का सामान जैसे रिबन, चूड़िया, मेहंदी, सिंदूर, बिंदी आदि रख कर सासू मां को दिया जाता है और उनके पांव छूकर आशीर्वाद लिया जाता है। इसके बाद घर की औरतें ‘सरगी’ खाती हैं। सरगी के फल, मिठाई वगैरह सासू मां की तरफ से और लड़की के मायके की तरफ से भी भेजे जाते हैं। सरगी खाने के बाद पूरा दिन जब तक रात को चांद नहीं निकलता तब तक निर्जला रह कर औरतें व्रत रखती हैं। जब रात को चांद निकलता है तो वे अर्घ्य देकर पति के हाथों जल ग्रहण करती हैं और तब उनका व्रत सम्पूर्ण होता है।

PunjabKesari Karva Chauth

Sargi increases love between mother-in-law and daughter-in-law सास और बहू में प्यार बढ़ाती सरगी 
बॉलीवुड फिल्मों में इन दिनों जिस तरह से सरगी खाने के दृश्य दिखाए जाते हैं, उन्होंने इस मान्यता को बदला है कि सरगी व्रत से पहले मात्र पेट पूजा वाला फंडा नहीं है बल्कि शाम और रात की पूजा की तरह इसका भी बहुत महत्व है। सुबह जब सास और बहू एक साथ बैठ कर सरगी खाती हैं तो उनके बीच प्यार और स्नेह भरा रिश्ता भी मजबूत होता चला जाता है। कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष में कर्क चतुर्थी अर्थात करवाचौथ का व्रत सुहागिनें और अविवाहित युवतियां अपने पति एवं भावी जीवन साथी की मंगल कामना और दीर्घायु के लिए सारा दिन निर्जल रह कर रखती हैं। इस दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है अपितु भगवान शिव पार्वती और स्वामी कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए गौरी पूजन का भी विशेष महत्व है। इसके साथ ही श्री गणेश जी का पूजन भी किया जाता है।

Love and blessings hidden in Sargi सरगी में छिपा प्यार और आशीर्वाद 
व्रत रखने वाली महिलाओं को उनकी सास सूर्योदय से पूर्व सरगी ‘सदा सुहागन रहो’ के आशीर्वाद के साथ देती हैं, जिसमें फल, मिठाई, मेवे, मट्ठियां, फेनियां, आलू से बनी कोई सब्जी एवं पूरी आदि होती हैं। यह खाद्य सामग्री शरीर को पूरा दिन निर्जल रहने और शारीरिक आवश्यकता को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम होती है। फल में छिपा विटामिन युक्त तरल दिन में प्यास से बचाता है। फीकी मट्ठी ऊर्जा प्रदान करती है और रक्तचाप बढऩे नहीं देती। मेवे आने वाली सर्दी को सहने के लिए शारीरिक क्षमता बढ़ाते हैं।

PunjabKesari Karva Chauth
Keep Karva Chauth fast in the traditional way ऐसे रखें पारम्परिक विधि से करवा चौथ व्रत 
प्रात: काल सूर्योदय से पूर्व उठ कर स्नान करके यह संकल्प बोल कर करवाचौथ व्रत का आरंभ करें : 

‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’

पति, पुत्र तथा पौत्र के सुख एवं सौभाग्य की कामना की इच्छा का संकल्प लेकर निर्जल व्रत रखें। भगवान शिव, पार्वती, गणेश एवं कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र का पूजन करें। बाजार में मिलने वाला करवाचौथ का चित्र या कैलेंडर पूजा स्थान पर लगा लें। चंद्रोदय पर अर्घ्य दें। पूजा के बाद तांबे या मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल भरें। सुहाग की सामग्री में कंघी, सिंदूर, चूडिय़ां, रिबन तथा रुपए आदि रख कर दान करें। सास के चरण छू कर आशीर्वाद लें और फल, फूल, मेवा, मिष्ठान, सुहाग सामग्री, 14 पूरियां तथा खीर आदि उन्हें भेंट करें। विवाह के प्रथम वर्ष तो यह परम्परा सास के लिए अवश्य निभाई जाती है। इससे सास-बहू का रिश्ता और मजबूत होता है।   

Playing Karva on Karva Chauth fast करवा चौथ व्रत पर करवा खेलना
करवाचौथ के दिन शाम को सभी सुहागिनें खूब सज-धज कर एक नियत स्थान पर इकट्ठी होती हैं और गोल घेरे में बैठ कर अपनी पूजा की थाली एक-दूसरे के साथ बांटती हुई करवा के गीत गाती हैं। इसी दौरान पंडित जी महिलाओं को करवाचौथ की कथा सुनाते हैं।

PunjabKesari Karva Chauth

Special on Karva Chauth fast करवा चौथ व्रत पर विशेष
इस अवसर पर दुकानों पर मीठी और फीकी मट्ठीयां तैयार की जाती हैं। ये मट्ठीयां विशेष तौर से बहू द्वारा अपनी सासू मां को बया देने पर दी जाती है। विवाहित स्त्रियां अपनी सुविधा अनुसार इस व्रत का उद्यापन भी करती हैं। वे उद्यापन करने के लिए एक थाली में चार-चार पूडिय़ां और हलवा रख कर सासू मां को देती हैं। इसके बाद तेरह ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा के साथ विदा करती हैं। उद्यापन के समय विवाहित स्त्री के मायके में कटोरियों या गिलासों में चावल और चीनी भर कर, फल, मेवे और सामर्थ्य के हिसाब से शगुन रख कर सामान सासू मां को भेजा जाता है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!