Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 02:33 PM
जब किसी घर में नन्हें मेहमान की किलकारी गूंजने वाली होती है, गर्भवती महिला का बहुत ध्यान रखा जाता है। वास्तुशास्त्र में
जब किसी घर में नन्हें मेहमान की किलकारी गूंजने वाली होती है, गर्भवती महिला का बहुत ध्यान रखा जाता है। वास्तुशास्त्र में भी प्रेग्नेंट महिलाओं से संबंधित कुछ हिदायतें दी गई हैं। विद्वान कहते हैं, कुछ स्पैश्ल चीजें यदि जच्चा के कक्ष में रख दी जाएं तो स्वस्थ रहेगी मां और पैदा होगी बुद्धिमान संतान।
मोर पंख को बहुत पवित्र माना गया है, इसे रखने से शुभता में बढ़ौतरी होती है।
पीले चावल मंगलसूचक माने गए हैं, इन्हें रखने से कोई भी नकारात्मक शक्ति मां और बच्चे पर अपना बुरा प्रभाव नहीं डाल पाती।
बाल गोपाल का चित्रपट उनकी मां यशोदा के साथ इस तरह लगाएं की सुबह जब गर्भवती आंख खोले तो सर्वप्रथम इस चित्रपट के दर्शन हों। ऐसा करने से श्रीकृष्ण की तरह नटखट संतान आपकी गोद मे भी खेलेगी।
गुलाबी रंग सुकून देता है तथा परिवारजनों में आत्मीयता बढ़ाता है। बैडरूम के लिए यह रंग बहुत ही अच्छा है, खासकर गर्भवती के शयनकक्ष में इस रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें।
रूम का वास्तु सही न हो तो अनचाही परेशानियां उसे अपना कमरा बना लेती हैं। इस समस्या बचने के लिए वास्तु देव का चित्र अथवा मूर्ति लगाएं। मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे।
अपने कमरे में बहुत सारे बच्चों की हंसती और मुस्कराती तस्वीरें लगाएं। इससे बच्चा हंसमुख और खुशमिजाज होगा।
सकारात्मकता को बढ़ाने के लिए तांबे की कोई भी वस्तु रखें।
सफेद रंग सुख-समृद्धि तथा शांति का प्रतीक है, यह मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। इस रंग के शो-पीस अथवा सॉफ्ट टॉय कमरे में सजाएं।