Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jun, 2017 11:24 AM
व्यक्ति जीवन में ऐसे कार्य कर बैठता है जिसके कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धर्म ग्रंथों में भी कई बातों का उल्लेख किया गया है जिनका ध्यान
व्यक्ति जीवन में ऐसे कार्य कर बैठता है जिसके कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धर्म ग्रंथों में भी कई बातों का उल्लेख किया गया है जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। नीतिसार में ऐसी तीन परिस्थितियों के बारे में बताया गया है, जिन्हें सोच-समझकर करना चाहिए। इन परिस्थितियों में बिना सोच-विचार किए कार्य करने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अनालोक्य व्ययं कर्ता ह्मनर्थः कलहप्रियः।
आतुरः सर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।
कई लोगों को पैसों की किम्मत पता नहीं होती। वे जैसे ही पैसा आता है उसे खर्च कर देते हैं। जबकि खर्च से पूर्व अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य के बारे में भी सोचना जरूरी हैं। जो लोग बिना सोच-विचार किए धन को खर्च करते हैं, उन्हें आगे जाकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कुछ लोगों का मिजाज गर्म होता है, उन्हें हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ जाता है अौर वे लड़ने तक उतारु हो जाते हैं। छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होकर दूसरों से लड़ना बुरी आदत मानी जाती है। इस प्रकार के स्वभाव के कारण व्यक्ति को कई बार दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है। कई बार व्यक्ति अपने इस स्वभाव के कारण भविष्य में मिलने वाले सुनहरे अवसरों को भी खो देता है।
जिस व्यक्ति में धैर्य होता है, वह जीवन में सुख-शांति से जीवन यापन करता है। इसके विपरीत जिसके अंदर धैर्य व शांति की कमी होती है वे हर कार्य को जल्दबाजी में करते हैं। जिससे कई बार कार्य भी बिगड़ जाते हैं। किसी कार्य को करने से पूर्व उसके बारे में अच्छी तरह से सोच-विचार कर लेना चाहिए। बिना सोचे कार्य करने से व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।