Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Oct, 2017 11:24 AM
एक बार एक सरकारी अधिकारी वैज्ञानिक माइकल फैराडे से मिलने रॉयल सोसायटी पहुंचा। वहां पहुंचने के बाद सरकारी अधिकारी ने फैराडे के बारे में पूछा तो एक गार्ड ने प्रयोगशाला की ओर जाने को कहा
एक बार एक सरकारी अधिकारी वैज्ञानिक माइकल फैराडे से मिलने रॉयल सोसायटी पहुंचा। वहां पहुंचने के बाद सरकारी अधिकारी ने फैराडे के बारे में पूछा तो एक गार्ड ने प्रयोगशाला की ओर जाने को कहा। सरकारी अधिकारी जब प्रयोगशाला की ओर पहुंचे तो उन्हें पूरी प्रयोगशाला खाली मिली। उन्होंने काफी तलाश किया, पर उन्हें किसी वैज्ञानिक के चिन्ह नजर नहीं आए। वहां से वह वापस मुढ़ने ही वाले थे कि तभी उनकी नजर एक वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी जिन्होंने ढीला-ढाला चोला पहना हुआ था और वह एक सिंक में बोतलें साफ करने में लगे थे।
उन्हें देखकर अधिकारी बेरुखी से बोले, ‘‘ऐ सुनो, क्या तुम रॉयल सोसायटी के कर्मचारी हो?’’
अधिकारी की बात सुनकर वृद्ध व्यक्ति बोले, ‘‘जी हां, मैंने 4 दशकों से अधिक समय तक इस सोसायटी की सेवा की है। बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?’’
इस पर अधिकारी चिड़चिड़ा कर बोला, ‘‘मुझे एक महत्वपूर्ण काम के लिए एक महान वैज्ञानिक से मिलना था। मुझे बताया गया कि वह यहीं मिलेंगे, पर मुझे वह कहीं भी नहीं मिले। गार्ड ने मुझे गलत जगह पर भेजा, मैं उसकी शिकायत करूंगा।’’
अधिकारी की बात सुनकर वृद्ध व्यक्ति सहजता से बोले, ‘‘सर, आपको किन वैज्ञानिक से मिलना था?’’
यह प्रश्र सुन कर अधिकारी व्यंग्य करते हुए उनकी तरफ देखते हुए बोला, ‘‘अरे तुम नहीं समझ पाओगे। न ही उनसे मिलने में मेरी कोई मदद कर पाओगे।’’
‘‘पर एक बार बताइए तो सही’’, वृद्ध बोले। अधिकारी खीझ कर बोला, ‘‘मुझे माइकल फैराडे से मिलना है।’’
इस पर वृद्ध व्यक्ति मुस्कुरा कर बोले, ‘‘जी बैठिए, मुझे ही माइकल फैराडे कहते हैं।’’
यह सुनकर अधिकारी का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया। वह माइकल फैराडे की सादगी देखकर उनके प्रति नतमस्तक हो गया।