इन संकेतों से जानें शनि व राहु कर रहे हैं आपके पूरे परिवार का सर्वनाश, दंड से बचाएगा बैंगन

Edited By ,Updated: 17 Mar, 2017 08:13 AM

learn from these signs shani and rahu are the victims of the entire family

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पूरे परिवार पर एक साथ विपत्ति आने के सबसे बड़ा कारण है शनि और राहु का एक दूसरे से संबंध बनाना। अमूमन देखा गया है की पारिवारिक विपत्ति आने के समय

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पूरे परिवार पर एक साथ विपत्ति आने के सबसे बड़ा कारण है शनि और राहु का एक दूसरे से संबंध बनाना। अमूमन देखा गया है की पारिवारिक विपत्ति आने के समय अनेक सदस्यों पर एक साथ साढ़ेसाती या ढैया या शनि की महादशा के राहु का अंतर या राहु की महादशा में शनि का अंतर या अनेक सदस्यों की कुंडली में शनि का नीच होकर त्रिक भाव में बैठना कारण रहते हैं। 


ज्योतिष के कालपुरुष सिद्धांतानुसार शनि को पितृ, कर्म, व्यवसाय, न्याय, पितापक्ष, बड़े भाई-बहन, लाभ, मोक्ष, पीढ़ा, व्याधि, दुर्घटना, दुर्भाग्य और मृत्यु का कारण माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का बिगड़ना पितृदोष को जन्म देता है। कालपुरुष कुंडली में शनि दशम व एकादश भाव पर अपना स्वामित्व रखता है। शनि से व्यक्ति का पितापक्ष, प्रॉफ़ैशन, न्याय परिक्रिया, कोर्ट केस, पितृपक्ष आदि देखे जाते हैं। जब कभी किसी परिवार के अनेक सदस्यों की कुंडली में शनि की राहु से युति होती है या शनि का राहु से षडाष्टक संबंध बनता है तब पूरे परिवार पर विपत्ति आती है। शनि-राहु संबंध के बीच मंगल के आने से पूरा परिवार आगजनी या सड़क दुर्घटना का शिकार होता है। इस संबंध में शुक्र के आने से परिवार को दहेज उत्पीड़न या झूठे मुकदमे झेलने पड़ते हैं। इस संबंध में केतू के आने से परिवार को जेल होती है। इसी संबंध में चंद्रमा के आने से पारिवारिक संपत्ति के विवाद होते हैं तथा सूर्य के आने से सरकारी विभागों के छापे पड़ते हैं व आर्थिक दंड मिलता है। 


शनि के बिगड़ने से घर में जीवन कलहपूर्ण बन जाता है। भाइयों में झगड़े और विवाद के कारण बंटवारे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और संयुक्त व्यापार तथा परिवार खंडित हो जाता है। इससे सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। परिवार का संचित धन सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी खर्च हो जाता है। एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों के साढ़ेसाती या महादशा या अंतरदशा से प्रभावित होने की स्थिति में उन पर समान रूप से दुष्प्रभाव पड़ते हैं। शनि साढ़ेसाती, ढैया, महा दशा या अंतर दशा में अनिष्ट या प्रतिकूल प्रभाव व अनिष्ट प्रभाव को दूर करने के लिए बिना गुण का बैंगन बहुत कारगर सिद्ध होता है। कई शास्त्रों में बैंगन को बिना गुण के बताया है परंतु वैज्ञानिक आधार पर इसमें सर्वाधिक मात्रा में लोहा पाया जाता है। इसी कारण बैंगन पर शनि व राहु दोनों आधिपत्य रखते हैं। बैंगन के छोटे-छोटे उपायों से कुछ हद तक समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। आइए जानते हैं बैंगन कैसे दे सकता है शनि बाधा से मुक्ति। 


सफाई कर्मचारी को बैंगन दान करने से जेल जाने के योग निर्बल होते हैं। 

मेहनतकश मजदूरों को बैंगन दान देने से मंद पड़ा हुआ व्यवसाय दौड़ पड़ता है। 

अमावस्या के दिन जानवरों को बैंगन खिलाने से पारिवारिक शांति बनी रहती है।

शनिवार को काली गाय को बैंगन खिलाने से परिवार के शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।  

मंगलवार के दिन बंदरों को बैंगन खिलाने से झूठे मुकदमों से राहत मिल सकती है।

शनिवार के दिन भैंस को बैंगन खिलाने से पारिवारिक दुर्घटना या आगजनी से बचा जा सकता है।

श्राद्धपक्ष, अमावस्या, शनिवार, द्वितीया, प्रदोष तिथि और कार्तिक महीने में कभी भी बैंगन नहीं खाना चाहिए। 

 

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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