Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 01:59 PM
प्रत्येक दिन पर किसी न किसी ग्रह का अधिपत्य स्थापित है। शनिवार का दिन शनि ग्रह के अधीन है। शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से बचना चाहते हैं तो अपने कर्म सुधारें। इससे आपको कोई भी विशेष उपाय नहीं करने पड़ेंगे, शनि के प्रकोप से सदा के लिए बचे रहेंगे।
प्रत्येक दिन पर किसी न किसी ग्रह का अधिपत्य स्थापित है। शनिवार का दिन शनि ग्रह के अधीन है। शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से बचना चाहते हैं तो अपने कर्म सुधारें। इससे आपको कोई भी विशेष उपाय नहीं करने पड़ेंगे, शनि के प्रकोप से सदा के लिए बचे रहेंगे। शनिदेव एकमात्र ऐसे देव हैं जो केवल शुभ कर्मों से प्रसन्न होते हैं। अच्छे कार्य को सिद्ध करने में सहायता करते हैं। शनिवार को कुछ खास संकेत बताते हैं की आप पर है शनि कृपा, इस मौके को हाथ से न जाने दें।
सुबह-सुबह आपके द्वार पर कोई याचक या जरूरतमंद आ जाए तो यथासंभव उसकी सहायता करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे। इन्हें गुस्सा न करें और न ही अपशब्दों का प्रयोग करें। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उसे शनि के प्रकोप का भाजन होना पड़ता है।
सुबह मुख्यद्वार खोलते ही सामने यदि सफाई कर्मचारी दिख जाए अथवा मार्ग में भी मिल जाए तो इसे अपना भाग्य समझें। उसे काला कपड़ा, जूता, छतरी या कुछ रुपए उपहार स्वरूप दें। शनिदेव मजदूर वर्ग पर अपनी विशेष कृपा रखते हैं। जो लोग उन्हें कष्ट देते हैं, शनिदेव उन्हें कड़े से कड़ा दण्ड देते हैं। मजदूर को उसकी मजदूरी काम करवाकर साथ ही दे दें। उनका हक रखने वाले पर शनि अपनी क्रूर दृष्टि बरसाते हैं।
मान्यता है की काला कुत्ता शनिदेव और भैरो का वाहन है। शनिवार की सुबह यदि आपके मुख्यद्वार के बाहर कुत्ता आ जाए अथवा घर से निकलने पर काला कुत्ता दिख जाए तो ये शनि कृपा का संकेत है। उसे रोटी के ऊपर तेल चुपड़ कर खिलाएं।