Edited By ,Updated: 17 Feb, 2017 12:17 PM
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। यहां विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल नौ दिन तक प्रतिदिन
मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। यहां विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल नौ दिन तक प्रतिदिन दूल्हे के रूप में दर्शनार्थियों को दर्शन देते हैं। कहा जाता है कि ऐसी परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। महाशिवरात्रि के पूर्व भगवान को अलग-अलग रुपों में श्रृंगारित कर दूल्हें के रुप में सजाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से विवाह मंडल के रुप में सुसज्जित किया जाता है।
मंदिर में भगवान का श्रृंगार कर उनको कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि से श्रृंगारित किया जाता है। अलग-अलग नौ दिन भगवान महाकाल को श्रृंगारित कर वस्त्र एवं आभूषण के साथ पूजन-अर्चन किया जाता है। नौवें दिन शिवरात्रि की महापूजा होती है। अगले दिन भगवान महाकाल का विपुल फूलों से श्रृंगार किया जाता है, जिसे श्रद्धालु भगवान के सेहरे के दर्शन करते हैं। कहा जाता है कि शिवरात्रि में प्रतिदिन शाम को भगवान महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराए जाते हैं तथा नौ दिन तक बाबा महाकाल विभिन्न स्वरूपों में दर्शन देंते हैं।जैसे- शेषनाग, घटाटोप, छबीना, मनमहेश आदि स्वरूपों में बाबा महाकाल नौ दिन भक्तों को दर्शन देते हैं।
उज्जैन में शिवरात्रि उत्सव गत दिवस से ही शुरू हो चुका है। मंदिर में नौ दिनों तक भगवान महाकाल का अलग-अलग श्रृंगार किया जाएगा। 17 फरवरी को शेषनाग श्रृंगार, 18 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 19 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 20 फरवरी को होलकर श्रृंगार, 21 फरवरी को मनमहेश श्रृंगार, 22 फरवरी को उमा-मनमहेश श्रृंगार, 23 फरवरी को शिवतांडव श्रृंगार, 24 फरवरी को महाशिवरात्रि श्रृंगार, 25 फरवरी को सप्तधान श्रृंगार के साथ ही प्रतिदिन कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि वस्त्र एवं आभूषण पहनाए जाएंगे।